डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने कोविड-19 बीमारी के कारण अंडरवर्ल्ड डॉन और गैंगस्टर छोटा राजन की मौत की खबरों का खंडन किया है। एम्स ने कहा कि वह अभी जिंदा है और उसके कोरोना संक्रमण का इलाज चल रहा है।
दरअसल, कई मीडिया रिपोर्ट्स में छोटा राजन की शुक्रवार दोपहर इलाज के दौरान मौत होने का दावा किया जा रहा था। इसके बाद एम्स को स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी। राजेंद्र निकल्जे उर्फ छोटा राजन को 26 अप्रैल को एम्स में भर्ती कराया गया था। वह 2015 में इंडोनेशिया से गिरफ्तारी के बाद नई दिल्ली की उच्च सुरक्षा वाली तिहाड़ जेल में बंद था।
राजन महाराष्ट्र में जबरन वसूली और हत्या से जुड़े कम से कम 70 आपराधिक मामलों का आरोपी है। मुंबई में उसके खिलाफ लंबित सभी मामलों को CBI को हस्तांतरित करने के बाद राजन के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए एक विशेष अदालत का गठन किया गया था। पत्रकार ज्योतिर्मय डे की 2011 की हत्या के मामले में उसे 2018 में दोषी ठहराया गया और उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
बता दें कि छोटा राजन और दाऊद इब्राहिम कभी एक ही गिरोह में हुआ करते थे, लेकिन 1993 मुंबई बम धमाकों के बाद छोटा राजन दाऊद से अलग हो गया था। इसके बाद से ही दाऊद राजन को मरवाना चाहता था। इससे बचने के लिए ही राजन ने गिरफ्तारी दे दी थी। बैंकॉक में भी दाऊद के गुर्गों ने छोटा राजन पर हमला किया था। इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसके पेट की आंत को खासा नुकसान पहुंचा था।
छोटा राजन को 25 अक्टूबर, 2015 को इंडोनेशिया के बाली शहर से गिरफ्तार किया गया था। दरअसल छोटा राजन हमेशा वीओआईपी के जरिए कॉल करता था। राजन ने 24 अक्टूबर, 2015 को व्हाट्सएप के जरिए अपने एक शुभचिंतक को फोन किया था। इस कॉल को सुरक्षा एजेंसियों ने टेप कर लिया था। फोन पर छोटा राजन ने कहा था कि अब वह ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षित नहीं है और बहुत जल्द से यहां से निकल जाएगा।
इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं। इंटरपोल ने भी राजन के देश छोड़कर निकलने के संबंध में अलर्ट जारी कर दिया। 25 अक्टूबर, 2015 को ऑस्ट्रेलियन फेडेरल पुलिस को खबर मिली कि भारतीय मूल का एक नागरिक बाली जा रहा है। फेडेरल पुलिस ने फौरन इंटरपोल के जरिए बाली इमिग्रेशन डिपार्टमेंट को इसकी सूचना दी और छोटा राजन को बाली पहुंचते ही एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया।
छोटा राजन को 6 नवंबर, 2015 की सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच विशेष विमान से बाली से दिल्ली के पालम एयरपोर्ट लाया गया। राजन ने प्लेन से उतरते ही सबसे पहले भारतीय धरती को चूमा था। भारत लाए जाने के बाद भी सुरक्षा कारणों के चलते उसे मुंबई की जेलों में नहीं रखा गया क्योंकि यह आशंका थी कि दाऊद समर्थित ग्रुप उसके खिलाफ षड्यंत्र रच सकते हैं और मुंबई की जेल में उस पर हमला हो सकता है। इस आशंका के मद्देनजर छोटा राजन को दिल्ली की तिहाड़ जेल भेज दिया गया था।
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