Inactive Account: कोरोना महामारी के कारण पिछले करीब एक साल से देश के तमाम बैंक ग्राहकों को केवल जरूरी काम होने पर ही बैंक शाखा जाने की सलाह दे रहे हैं. वे लोगों से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने की अपील कर रहे हैं. कोरोना की वजह से करोड़ों लोगों की आमदनी बंद हो गई है, ऐसे में लेनदेन ना होने की वजह से उनके बैंक अकाउंट इनएक्टिव हो गए हैं. अगर आपको बैंक अकाउंट से लेनदेन किए बिना एक साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है, तो आपको अपना अकाउंट रीएक्टिवेट कराने की जरूरत है.
कब बैंक अकाउंट होता है इनएक्टिव?
नियमों के मुताबिक अगर आप अपने बैंक अकाउंट से 12 महीने तक किसी भी तरह का लेनदेन नहीं करते हैं तो आपका अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है. साथ ही अगर आप लगातार 24 महीने तक बैंक से किसी तरह का लेनदेन नहीं करते, तो आपका अकाउंट डोरमेंट की लिस्ट में शामिल हो जाता है. ऐसे में आपको अकाउंट को रीएक्टिवेट कराने की जरूरत होती है.
कैसे कराएं रीएक्टिवेट?
अपने बैंक अकाउंट को रीएक्टिवेट कराने के लिए आपको अपनी बैंक शाखा में जाना होगा. यहां आप इस बारे में एप्लीकेशन लिखकर अपने जरूरी दस्तावेजों के साथ जमा कर दें. इसके बाद आपका अकाउंट रीएक्टिवेट हो जाएगा. अगर किसी परिस्थिति में आप उस बैंक शाखा में नहीं जा सकते, जहां आपका अकाउंट है, तो आप उस बैंक की नजदीकी शाखा में जा सकते हैं.
खाते से साल में एक बार लेन-देन है जरूरी
हर व्यक्ति को साल में एक बार अपने बैंक अकाउंट से लेनदेन जरूर कर लेना चाहिए. इससे आपका अकाउंट एक्टिव कंडीशन में रहेगा और आप ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी तरह से बैंकिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं. बैंक का नियम होता है कि लगातार 12 महीने या इससे ज्यादा समय तक खाते से लेनदेन न करने वाले अकाउंट को इनएक्टिव/डोरमेंट की लिस्ट में शामिल कर दिया जाता है.
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