दिल्ली उच्च न्यायालय ने इंटरनेट से आपत्तिजनक सामग्रियों को हटाने से संबंधित मामलों पर विचार करने के दौरान अदालतों द्वारा पालन किये जाने वाले दिशा-निर्देश मंगलवार को निर्धारित कर दिये, ताकि ऐसी सामग्रियों तक पहुंच को यथाशीघ्र रोका जा सके और कोई अन्य इन्हें दोबारा पोस्ट नहीं करे।
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