नई दिल्ली: अफगानिस्तान ने पहली बार खुलकर आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी सैन्य तौर से तालिबान की मदद कर रही है. अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी वायुसेना स्पिन बोल्डक इलाके में अफगान सेना के खिलाफ तालिबान की मदद कर रही है. कंधार का ये वही स्पिन बोल्डक इलाका है जहां गुरूवार की रात भारत के पत्रकार दानिश सिद्दीकी की तालिबान ने घात लगाकर हत्या कर दी थी.
अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति, अमरुल्लाह सालेह ने आज पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "पाकिस्तानी वायु सेना ने अफगान सेना को आधिकारिक चेतावनी जारी की है कि स्पिन बोल्डक क्षेत्र से तालिबान को खदेड़ने की कोशिशों का कड़ा विरोध किया जाएगा. पाक वायुसेना अब कुछ क्षेत्रों में तालिबान को नजदीकी हवाई सहायता प्रदान कर रही है."
हालांकि, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के आरोपों को खारिज किया है, लेकिन इसे एक ओपन-सीक्रेट माना जाता है कि पाकिस्तान हर तरीके से तालिबान की मदद कर रहा है और अफगानिस्तान के एक बड़े हिस्से में कब्जा करने में अहम भूमिका निभा रहा है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि अफगानिस्तान ने सीमावर्ती इलाके चमन (कंधार) में एयर-ऑपरेशन करने की इच्छा जाहिर की थी. हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय नियमों के मुताबिक, इस तरह के बॉर्डर ऑपरेशन्स की इजाजात नहीं होती है, लेकिन पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की ये बात मान ली थी. अफगानिस्तान के एयर ऑपरेशन्स को देखते हुए पाकिस्तान ने अपने सैनिकों और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए जरूरी कदम उठाए हैं.
बयान में कहा गया कि हमे अफगानिस्तान के संप्रभुता वाले इलाकों में अफगान सरकार की किसी भी कारवाई से कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन पाकिस्तान ने कहा कि जैसा कि अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति ने आरोप लगाया है ऐसा कोई भी संदेश हमने अफगानिस्तान को नहीं भेजा है.
आपको बता दें कि कंधार का स्पिन-बोल्डक पाकिस्तान के चमन बॉर्डर से सटा हुआ है. गुरूवार की रात भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की तालिबान नए यहां हत्या कर दी थी. दानिश इनदिनों कंधार में अफगान सेना और तालिबान के बीच जारी जंग की कवरेज के लिए अफगानिस्तान गए थे. वे अफगान सेना के साथ ‘एम्बेडेड’ थे और उनके साथ ही कवरेज के लिए जाते थे. जानकारी के मुताबिक, गुरूवार की रात जब वे अफगान सेना के साथ कवरेज के लिए जा रहे थे, उसी वक्त तालिबानी लड़ाकों ने घात लगाकर हमला किया जिसमें दानिश की भी मौत हो गई.
पुलित्जर पुरस्कार विजेता दानिश ने दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से पढ़ाई की थी और साल 2010 से अंतर्राष्ट्रीय न्यूज एजेंसीं ‘रॉयटर्स’ से जुड़े थे. अफगानिस्तान भी वे रॉयटर्स की कवरेज के लिए गए थे.
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