कोविड-19 महामारी की वजह से इंश्योरेंस कंपनियों ने अपनी पॉलिसी में बदलाव करना शुरू कर दिया है. अब टर्म या स्वास्थ्य इंश्योरेंस करवाने के नियम भी सख्त हो गए हैं. इसकी मुख्य वजह कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुई हजारों लोगों की मौत बताई जा रही है. हाल ही में इंश्योरेंस करवाने के नियम को लेकर एक और अपडेट सामने आया है. इसके तहत अब कोविड टीकाकरण के बिना टर्म इंश्योरेंस नहीं मिल सकेगा. बता दें कि इस समय लगभग सभी इंश्योरेंस कंपनियां आवेदकों से कोरोना से जुड़ी जानकारियां मांग रही हैं.
इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस की एमडी आरएम विशाखा का कहना है कि महामारी में बेतहाशा मौतों से टर्म इंश्योरेंस का क्लेम 30 फीसदी बढ़ गया है. वहीं, कंपनियां अब अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी को और कड़ी करने के लिए मजबूर हो गई हैं." मैक्स लाइफ और टाटा एआईए ने टर्म इंश्योरेंस कराने के लिए टीकाकरण अनिवार्य कर दिया है. मैक्स लाइफ ने 45 साल से ज्यादा उम्र वालों को टीका लगवाने पर ही टर्म इंश्योरेंस देने की शर्त रही है. वहीं, टाटा एआईए सभी उम्र वर्ग के लिए कम से कम एक वैक्सीन लगवाने का डॉक्यूमेंट मांग रही है.
टर्म इंश्योरेंस कंपनियों ने अपने प्रीमियम में किया इजाफा
अब टर्म इंश्योरेंस के लिए मेडिकल चेकअप की पॉलिसी में भी बदलाव किया गया है. फिलहाल दो कंपनियों ने वैक्सीन डॉक्यूमेंट जमा करना अनिवार्य किया है लेकिन जल्द अन्य कंपनियां भी इस दिशा में आगे बढ़ सकती हैं. कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य और जान पर जोखिम बढ़ने के साथ लोगों में इंश्योरेंस की जरूरत भी बढ़ी है. इसको ध्यान में रखते हुए टर्म इंश्योरेंस कंपनियों ने अपने प्रीमियम में 25-30 फीसदी तक इजाफा कर दिया है. पहले जहां 40 साल की उम्र वाले व्यक्ति को 15 हजार रुपये में टर्म इंश्योरेंस मिल जाता था, वहीं अब इसके लिए कम से कम 18,800 रुपये खर्च करने होंगे.
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