चीन ने रविवार को कहा कि वह उइगर समुदाय और अन्य मुस्लिम जातीय अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार में कथित भूमिका को लेकर चीनी कंपनियों पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने का जवाब देने के लिए "जरूरी उपाय" करेगा. चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका का यह कदम "चीनी उद्यमों का अनुचित दमन और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक और व्यापार नियमों का गंभीर उल्लंघन" है.
चीन के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चीन "चीनी कंपनियों के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए जरूरी उपाय करेगा." हालांकि चीन ने पूरी जानकारी नहीं दी है,पर उसने अपने सुदूर पश्चिमी क्षेत्र शिनजियांग में उइगर समुदाय को लोगों को मनमाने ढंग से हिरासत में रखे जाने और उनसे जबरन श्रम कराने के आरोपों का खंडन किया है.
साथ ही उसने वीजा एवं वित्तीय संबंधों पर अपनी कंपनियों और अधिकारियों के खिलाफ वीसा की पाबंदियों का तेजी से जवाब देना शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने शुक्रवार को एक बयान में कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक और प्रौद्योगिकी कंपनियों एवं अन्य व्यापार इकाइयों ने शिनजियांग में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ "चीन सरकार के दमन, सामूहिक हिरासत और उच्च-प्रौद्योगिकी निगरानी के अभियान" को सक्षम करने में मदद की है. उइगर अल्पसंख्यक मुसालनों के दमन के आरोप में अमेरिका ने चुनिंदा चीनी कंपनियों को उपकरण या दूसरे सामानों की बिक्री करने पर दंड का प्रावधान किया है.
दूसरी तरफ, अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने दक्षिण चीन सागर में चीन के लगभग सभी अहम समुद्री दावों को खारिज करने के पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के फैसले को रविवार को बरकरार रखा.
प्रशासन ने चीन को चेतावनी भी दी कि विवादित क्षेत्र में फिलीपीन पर अगर किसी भी तरह का हमला हुआ तो अमेरिका एक पारस्परिक रक्षा संधि के तहत जवाबी कार्रवाई करेगा. विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन की ओर से यह कड़ा संदेश चीन के दावों के खिलाफ फिलिपीन के पक्ष में अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले के इस सप्ताह पांच साल पूरा होने से पहले जारी एक बयान में सामने आया है. हालांकि चीन इस फैसले को खारिज करता है.
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