अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके रूसी समकक्षीय राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच स्विट्जरलैंड की राजधानी जेनेवा में बुधवार को मुलाकात हुई है. राष्ट्रपति पुतिन ने इस दौरान बाइडेन को इस सम्मलेन की पहल के लिए धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि वे बैठक से ‘सकारात्मक’ की उम्मीद कर रहे हैं.
इस बैठक के चार से पांच घंटे चलने की संभावना हैं. दोनों नेताओं ने मिलते ही एक दूसरे का गर्मजोशी भरे माहौल में हाथ मिलाया. ऐसा माना जा रहा है कि इस दौरान दोनों नेताओं के बीच साइबर हमले समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.
यह बैठक ऐसे समय पर हुई है, जब दोनों देशों के नेताओं का मानना है कि अमेरिका और रूस के संबंध पहले कभी इतने खराब नहीं रहे. पिछले चार महीनों से दोनों नेताओं ने एक दूसरे के खिलाफ तीखी बयानबाजी की है. बाइडेन ने अमेरिकी हितों पर रूस समर्थित हैकरों के साइबर हमलों को लेकर पुतिन की कई बार आलोचना की है, जबकि पुतिन का कहना है कि उनके देश ने न तो अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप किया और न ही किसी प्रकार के साइबर हमले किए.
US President Joe Biden and Russian President Vladimir Putin shake hands, kicking off Geneva summit: AFP News Agency
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— ANI (@ANI) June 16, 2021
हालांकि, दोनों पक्षों को इस बैठक से कोई खास उम्मीद नहीं है. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन का कहा था कि यदि दोनों देश अपने संबंधों में अंतत: स्थिरता ला पाते हैं, तो यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम होगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका और रूस अगर अपने संबंधों में ‘‘स्थिरता और गंभीरता’’ लाते हैं तो यह महत्वपूर्ण कदम होगा.अमेरिका को अपना कट्टर विरोधी मानने वाले व्यक्ति के साथ वार्ता से पहले राष्ट्रपति की तरफ से यह उदार वक्तव्य है.
बाइडेन ने इस हफ्ते की शुरुआत में संवाददाताओं से कहा था, ‘‘हमें निर्णय करना चाहिए कि क्या सहयोग करना हमारे हित में, दुनिया के हित में है और देखना चाहिए कि हम ऐसा कर सकते हैं अथवा नहीं. और जिन क्षेत्रों में सहमति नहीं बनती है वहां स्पष्ट कीजिए कि गतिरोध क्या है.’’
इधर, पुतिन के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने बुधवार को ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा कि गतिरोध टूटने की उम्मीद नहीं है और ‘‘रूस-अमेरिका संबंधों में स्थिति काफी कठिन है.’’ शिखर सम्मेलन से कई घंटे पहले पेसकोव ने कहा, ‘‘बहरहाल, तथ्य यह है कि दोनों राष्ट्रपति बैठक करने पर सहमत हुए हैं और समस्याओं के बारे में खुलकर बातचीत की शुरुआत की है जो अपने आप में एक उपलब्धि है.’’
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