डिजिटल डेस्क, यरुशलम। इजराइल और फिलस्तीन के बीच चल रहे युद्ध ने महाशक्ति अमेरिका की चिंता बढ़ा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की है। नेतन्याहू ने कहा कि गाज़ा पट्टी में हम हमास के खिलाफ़ लड़ाई लड़ने को मजबूर है। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल को संघर्ष विराम करने का आह्वान किया है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा कि बाइडेन ने बुधवार को नेतन्याहू से कहा कि उन्हें संघर्ष विराम की राह पर इजराइल से उम्मीद है। इसके बाद नेतन्याहू ने दिन में ट्विटर पर एक वीडियो बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि मैं इस ऑपरेशन को तब तक जारी रखने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं जब तक कि इसका उद्देश्य हासिल नहीं हो जाता। इजराइल के नागरिकों की सुरक्षा बहाल करना हमारी जिम्मेदारी है। दोनों नेताओं ने फोन पर तीन बार बातचीत की हैं क्योंकि इजरायल ने 10 मई को गाजा में अपना गार्जियन ऑफ द वॉल्स अभियान शुरू किया था।
63 बच्चों सहित 219 घायल
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) के नए आंकड़ों के अनुसार गाजा में 63 बच्चों सहित 219 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। वेस्ट बैंक में चार बच्चों सहित 25 फिलीस्तीनी लोगों की मौत हुई है। इजरायली सूत्रों ने बताया कि दो बच्चों और एक सैनिक सहित 12 लोगों की मौत हुई है। इस युध्द में हजारों लोग घायल हो चुके हैं।
ताबड़तोड़ हमला
उग्रवादी समूहों ने गाजा पट्टी से इजराइल में रॉकेट दागे, जबकि इजराइल लड़ाकू विमान घिरे हुए एन्क्लेव में इमारतों और बुनियादी ढांचे पर ताबड़तोड़ हवाई हमले करते रहे।
सबक सिखाने की आवश्यकता- तुर्की
13 मई को एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि यरुशलम में उभरें तनाव को लेकर दोनों नेताओं ने बुधवार को फोन कर बात की थी। जारी बयान के मुताबिक एर्दोगन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कहा था कि इजराइल को एक बड़ा सबक सिखाने की आवश्यकता है। एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर इस मामले में त्वरित हस्तक्षेप करने और इजराइल को साफ संदेश देने पर जोर दिया है।
अमेरिका और इजराइल
अमेरिका के बाइडेन सरकार ने इजराइल को 735 करोड़ डालर के हथियार बेचने की मंजूरी प्रदान की है। जारी मीडिया रिपोर्टस के अनुसार अमेरिकी संसद को इस समझौते से ज्यादा फ़र्क नहीं पड़ता है। सांसदों ने इसे लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई है।
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