अल्बानिया की संसद ने राष्ट्रपति इलिर मेता पर संविधान के उल्लंघन को लेकर बुधवार को महाभियोग चलाया और उन्हें पद से हटा दिया. संसद के एक विशेष सत्र के दौरान राष्ट्रपति को पद से हटाने के समर्थन में 104 मत पड़े जबकि विरोध में सात वोट पड़े और तीन सांसद अनुपस्थित रहे. संसदीय जांच रिपोर्ट में कहा गया कि मेता ने 25 अप्रैल के संसदीय चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ सोशलिस्ट के खिलाफ पक्षपातपूर्ण रवैये के साथ संविधान का उल्लंघन किया.
रिपोर्ट में कहा गया कि मेता ने 16 अनुच्छेदों का उल्लंघन किया और हिंसा को भड़काया. प्रधानमंत्री इदी रामा ने मतदान से पहले अपने भाषण में कहा, ‘‘इलिर मेता ने अल्बानिया के राष्ट्रपति के पद के साथ विश्वासघात किया। उन्होंने संविधान को शर्मसार किया.’’ मेता ने अपने खिलाफ जांच और महाभियोग की आलोचना की और इसे अवैध बताया.
बहस के दौरान या मतदान के बाद मेता ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. संसद में बहस के दौरान मेता ने अपने दैनिक कार्यक्रम जारी रखे और लोक संगीत कलाकारों की टोली को पदक प्रदान किया.
सत्तारूढ़ सोशलिस्ट पार्टी के 49 सांसदों ने अप्रैल के अंत में जांच समिति की मांग की थी. उन्होंने सोशलिस्ट पार्टी के पूर्व नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री मेता पर देश में अस्थिरता एवं हिंसा भड़काने और चुनाव से पहले राजनीतिक विपक्ष का समर्थन करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता सुनिश्चित करने का संवैधानिक कर्तव्य नहीं निभा पाने के कारण मेता के खिलाफ महाभियोग चलाया जाना चाहिए.
देश में 25 अप्रैल को हुए चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी ने 140 सीटों में से 74 सीटों पर जीत हासिल की. मेता का पद मुख्यत: रस्मी और गैर राजनीतिक है. उन्होंने प्रधानमंत्री इदी रामा पर सभी विधायी, प्रशासनिक एवं न्यायिक शक्तियां अपने हाथों में सीमित रखने के आरोप लगाए थे.
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