अवसाद रोधी दवाओं के क्या हैं साइड-इफेक्ट्स? इस्तेमाल करने से पहले जानना है जरूरी

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अवसाद रोधी दवाओं का इस्तेमाल डिप्रेशन, चिंता या अन्य पेचीदगी से जूझ रहे लोगों का इलाज करने के लिए किया जाता है. इन स्थितियों में ये दवाएं आपको राहत उपलब्ध कराकर बेहद मददगार और प्रभावी हो सकती हैं. उसके सकारात्मक नतीजों के कारण, चिकित्सा के बाद सबसे अच्छा समाधान समझा जाता है. लेकिन इस्तेमाल करने से पहले उसके साइड इफेक्ट्स को जरूर जानना चाहिए. हालांकि, ये साइड-इफेक्ट्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं. लेकिन, आपकी जानकारी के लिए सबसे आम प्रतिक्रियों को बताया जा रहा है.


वजन बढ़ाता है- अवसाद रोधी दवा इस्तेमाल करने वाले लोग अक्सर खुद को वजन बढ़ने की मुसीबत में पाते हैं. कई रिसर्च में इस बात की पुष्टि हुई है कि इन गोलियों के निगलने की वजह से वजन बढ़ सकता है. ये इस तरह की गोलियों के विभिन्न किस्म की वजह से हो सकता है और आसानी से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि उससे अन्य जटिलताएं हो सकती हैं. 


ठीक से सोने में परेशानी- दवा लेने के बाद पाया गया है कि लोगों को ठीक से रात में सोना दुश्वार होता है. भले ही ऐसे लोग सोने में सफल हो जाएं, लेकिन रात के आधे पहर में उन्हें अप्रत्याशित तौर पर जागना पड़ता है. उसके साथ, लोग बुरा सपना देखना शुरू कर देते हैं या नींद में टहलने लगते हैं. ये समस्या बड़ी नहीं लग सकती लेकिन वास्तव में जोखिम भरा है. इसलिए, जरूरी है कि इस समस्या के सिलसिले में अपने डॉक्टर से सलाह लें. 


दिन में नींद आना- इन दवाओं पर निर्भर लोगों की बड़ी तादाद खुद को दिन में ऊंघते हुए पाती है. ये अवसाद रोधी दवाओं के शांत करने वाले प्रभाव का या तो नतीजा हो सकता है या रात में खराब नींद की वजह. ज्यादातर अवसाद रोधी दवाएं इमसोमनिया या अत्यधिक झपकी का कारण बन सकती हैं. अगर आपको भी इन दवाओं के असर से दिन में ज्यादा नींद का एहसास हो, तब आप इन दवाओं को सोने से ठीक पहले इस्तेमाल कर सकते हैं. 


शारीरिक लक्षण- अवसाद रोधी दवाओं का पहला और महत्वपूर्ण साइड-इफेक्ट्स शारीरिक लक्षणों की शक्ल में सामने आता है. लक्षणों में सिर दर्द, जोड़ का दर्द, मतली, स्किन पर चकते, मांसपेशी में दर्द, डायरिया शामिल है. एक रिसर्च में पाया गया था कि इन गोलियों के प्रभाव के बाद मतली और सिर दर्द सबसे आम है. आम तौर से ये लक्षण अस्थायी होते हैं औऱ स्वभाव में हल्के भी होते हैं लेकिन फिर भी उनको हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए.


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