Mercer Cost of Living Survey के मुताबिक बाहर से आए कामकाजी लोगों के लिए तर्कमेनिस्तान दुनिया का सबसे महंगा शहर है. यहां बाहर से आए लोगों को दुनिया में सबसे ऊंची कीमत पर चीजों को यहां खरीदना पड़ता है जिस कारण यह दुनिया का सबसे महंगा शहर बन गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्कमेनिस्तान में भारी आर्थिक मंदी है, जिसकी वजह से यहां खाने की बहुत ज्यादा किल्लत हो गई है. इस सर्वे में 200 चीजों की कीमत को न्यूयॉर्क की कीमत से तुलनात्मक आध्यन किया गया है. यानी न्यूयॉर्क में किसी चीज की कीमत जितनी है, उसका अन्य देशों में कीमत कितनी है, इसी आधार पर सर्वे किया गया है. सर्वें में 209 शहरों में 200 चीजों की कीमत का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है. इनमें वहां का आवासीय किराया, खाना, परिवहन, कपड़ा, घर का सामान और मनोरंजन जैसी चीजों को आधार बनाया गया है.
टॉप 10 में फाइनेंसियल हब वाले शहर
मर्सर की रिसर्च के मुताबिक टॉप 10 महंगे शहरों में ज्यादातर वैश्विक फाइनेंसियल हब वाले शहर शामिल हैं. हांगकांग जो पिछले साल पहले नंबर पर आया था, इस साल दूसरे नंबर पर आ गया है. इसके अलावा वित्तीय संकट के कारण लेबनान की राजधानी बेरूत तीसरे स्थान पर आ गया है. वहीं अन्य टॉप शहरों में फाइनेंसियल हब वाले शहर ही प्रमुख है. चौथे नंबर पर सबसे ज्यादा महंगा शहर जापान की राजधानी टोक्यो है तो स्विटजरलैंड के ज्यूरिख शहर को इस बार रैंकिंग में पाचवां स्थान मिला है. वहीं, चीन के शंघाई शहर को विश्व का छठा सबसे महंगा शहर माना गया है. शंघाई शहर में भी लोगों का रहन शहन और रोजमर्रा की चीजें काफी ज्यादा महंगी हैं. मर्सर की रिपोर्ट के मुताबिक सिंगापुर विश्व का सातवां सबसे महंगा शहर है तो स्वीटजरलैंड का जेनेवा शहर विश्व का आठवां सबसे महंगा शहर है. वहीं, चीन की राजधानी बीजिंग विश्व के टॉप-10 महंगे शहरों में से नौवें स्थान पर है तो स्टी बर्न शहर विश्व का 10वां सबसे महंगा शहर बना है.
मुंबई भारत का सबसे महंगा शहर
वर्करों के लिए मुंबई भारत का सबसे महंगा शहर बना हुआ है. वर्करों के लिए 209 सबसे महंगे शहरों में मुंबई 78वें स्थान पर है. इस बार पिछले साल के मुकाबले मुंबई 18 स्थान नीचे गिर गया है. इसकी प्रमुख वजह है कि दूसरे देशों के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपया कमजोर हुआ है जिसके कारण अन्य देशों से आए लोगों को यहां का सामान सस्ता पड़ता है. इस सूची में नई दिल्ली का 117वां स्थान है जबकि चेन्नई का 158वां और बेंगलुरु का 17वां स्थान है. कोलकाता को इस सर्वे में 181वं स्थान मिला है.
टॉप 10 में एक भी अमेरिकी शहर नहीं
मर्सर सर्वे के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस साल यूरो के मुकाबले डॉलर का वैल्यू 11 प्रतिशत कम हो गया है, जिसका सीधा असर महंगाई की गणना पर पड़ा है और इसी वजह से अमेरिका का न्यूयॉर्क शहर महंगा होने के बाद भी टॉप-10 में नहीं आ पाया. अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क को इस सर्वे में 18वां स्थान दिया गया है जबकि लॉस एजिलिस को 25वां स्थान प्राप्त हुआ है. वहीं, फ्रांस का पेरिस शहर महंगाई की इस लिस्ट में अपना स्थान नहीं बना पाया है। वहीं, ऑस्ट्रेलियन डॉलर का मार्केट वैल्यू भी गिरा है, जिससे आस्ट्रेलिया के सिडनी जैसे महंगे शहर 10-10 में शामिल नहीं हो पाए।
ये हैं टॉप 10 शहर
- अश्गाबात
- हांगकांग
- बेरूत
- टोक्यो
- ज्यूरिख
- शंघाई
- सिंगापुर
- जेनेवा
- बीजिंग
- बर्न
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