आइसलैंड ने दुनिया के सामने पेश किया शानदार उदाहरण, संसद में महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा

रिक्जेविकः आइसलैंड ने महिलाओं के बहुमत वाली संसद को चुना है. यह फैसला उत्तरी अटलांटिक के द्वीपीय राष्ट्र में लैंगिक समानता के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है. रविवार को मतगणना खत्म हनो के बाद महिला उम्मीदवारों ने आइसलैंड की 63 सदस्यीय संसद ‘अल्थिंग’ में 33 सीटों पर सफलता हासिल की. प्रधानमंत्री कैटरीन जेकब्सडॉटिर के नेतृत्व वाली निवर्तमान गठबंधन सरकार में तीन दलों ने शनिवार को हुए मतदान में कुल 37 सीटें जीतीं. गठबंधन को पिछले चुनाव की तुलना में दो सीटें अधिक मिली है और सत्ता में बने रहने की संभावना नजर आ रही है.


राजनीति की प्रोफेसर सिल्जा बारा ओमर्सडॉटिर ने कहा कि पिछले एक दशक से वामपंथी दलों द्वारा लागू लैंगिक कोटा आइसलैंड के राजनीतिक आयाम में एक नया मानदंड बनाने में कामयाब रहा है. उन्होंने कहा, ”उम्मीदवारों का चयन करते समय लैंगिक समानता की उपेक्षा करना अब स्वीकार्य नहीं है.”


जनमत सर्वेक्षण में वामपंथी दलों की जीत का संकेत दिया गया था, जिसमें 10 पार्टियों के बीच सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा थी. लेकिन, मध्य दक्षिणपंथी ‘इंडिपेंडेंस पार्टी’ को सबसे ज्यादा मत मिले और उसने 16 सीटें जीती. इन 16 सीटों में सात पर महिलाओं की जीत हुई. मध्यमार्गी ‘प्रोग्रेसिव पार्टी’ ने सबसे बड़ी बढ़त हासिल की और 13 सीटें जीतने में कामयाब रही. पिछली बार की तुलना में प्रोग्रेसिव पार्टी को पांच अधिक सीटें पर जीत मिली.


चुनाव से पहले दोनों पार्टियों ने जेकब्सडॉटिर की वामपंथी ‘ग्रीन पार्टी’ के साथ गठबंधन सरकार का गठन किया था. जेकब्सडॉटिर की पार्टी ने कई सीटें गंवाईं, लेकिन चुनावी पूर्वानुमान को खारिज करते हुए आठ सीटें बरकरार रखीं. तीनों सत्तारूढ़ दलों ने यह घोषणा नहीं की है कि वे एक और कार्यकाल के लिए क्या साथ काम करेंगे, लेकिन मतदाताओं के मजबूत समर्थन को देखते हुए ऐसा लगता है कि वे साथ आएंगे. नई सरकार बनने और घोषणा करने में कुछ दिन लग सकते हैं.


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