आयात शुल्क घटने से सोयाबीन, सीपीओ, बिनौला तेल में गिरावट, सरसों, सोयाबीन तिलहन में सुधार
देश में खाद्य तेलों की उपलब्धता बढ़ाने के लिये इनके आयात शुल्क में कमी किये जाने के सरकार के कदम से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को सोयाबीन और बिनौला तेल कीमतों में गिरावट आ गई। हालांकि, तेल रहित खल (डीओसी) की मांग बढ़ने से सोयाबीन तिलहन के साथ साथ सरसों तिलहन में सुधार दर्ज किया गया। बाजार सूत्रों ने कहा कि सरकार ने सोयाबीन डीगम और सूरजमुखी तेल के आयात शुल्क को (10 प्रतिशत उपकर मिलाकर) लगभग 8.25 प्रतिशत कम किया है। अधिभार समेत आयात शुल्क को 38.5 प्रतिशत से घटाकर 30.25 प्रतिशत किया गया है। इससे सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट का रुख रहा। जानकारों का कहना है कि आयात शुल्क में की गई कमी का लाभ यहां न तो उपभोक्ताओं को और न ही किसानों को मिलेगा। सूत्रों ने कहा कि मूल आयात शुल्क में लगभग 7.5 प्रतिशत कटौती की गई है जबकि बाजार में तेल के दाम में एक रुपये किलो के बराबर गिरावट आई है। उनका मानना है कि इस कदम से सरकार को उल्टे राजस्व की हानि होगी क्योंकि विदेशों में तेल के दाम और महंगे कर दिये जायेंगे।
FMCG कंपनियां फिर दाम बढ़ाने की तैयारी में, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर
उन्होंने कहा कि आयात शुल्क कम किये जाने की घोषणा से पहले मलेशिया एक्सचेंज में एक प्रतिशत की गिरावट थी जो शुल्क कम किये जाने की घोषणा के बाद लगभग आधा प्रतिशत तेज हो गया है। इसके साथ शिकागो एक्सचेंज भी फिलहाल लगभग आधा प्रतिशत मजबूत चल रहा है। आयात शुल्क में कमी की घोषणा के बाद मलेशिया में बाजार के सुधरने से कच्चा पामतेल के भाव में सुधार आया जबकि मांग कमजोर रहने से पामोलीन तेलों के भाव पूर्वस्तर पर ही बंद हुए। सूत्रों का कहना है कहा कि सरकार को तेल तिलहनों के आयात शुल्क में घट बढ़ करने के बजाय तेल तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देना होगा उसी से सही मायने में देश आत्मनिर्भरता का रास्ता तय करेगा।
गेहूं, चावल की कीमतों में गिरावट का रुख
देश में थोक और खुदरा बाजारों में गेहूं और चावल की कीमतों में इस साल 16 अगस्त तक एक महीने पहले की समान अवधि की तुलना में गिरावट का रुख दिखा है। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि इस गिरावट का कारण बाजार में किया गया हस्तक्षेप है। खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चावल की खुदरा कीमत 16 अगस्त को 1.78 प्रतिशत घटकर 35.28 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो एक महीने पहले 35.92 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
चावल का थोक मूल्य भी 2.17 प्रतिशत गिरकर 3,030.6 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जो पहले 3,097.88 रुपये प्रति क्विंटल था। गेहूं के मामले में, खुदरा कीमतें 16 अगस्त को 2.18 प्रतिशत घटकर 26.52 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं, जो एक महीने पहले की अवधि में 27.11 रुपये प्रति किलोग्राम थीं। गेहूं का थोक भाव 2.82 प्रतिशत गिरकर 2,258.05 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जो पहले 2,323.52 रुपये प्रति क्विंटल था।
बैंकिंग फ्राॅड का है डर? इन आठ तरीकों से बनाएं मजबूत पासवर्ड
बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
- सरसों तिलहन – 8,000 – 8,075 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।
- मूंगफली – 6,620 – 6,765 रुपये।
- मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,100 रुपये।
- मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,330 – 2,460 रुपये प्रति टिन।
- सरसों तेल दादरी- 16,570 रुपये प्रति क्विंटल।
- सरसों पक्की घानी- 2,555 -2,605 रुपये प्रति टिन।
- सरसों कच्ची घानी- 2,640 – 2,750 रुपये प्रति टिन।
- तिल तेल मिल डिलिवरी – 15,100 – 17,600 रुपये।
- सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,100 रुपये।
- सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,000 रुपये।
- सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,650 रुपये।
- सीपीओ एक्स-कांडला- 11,950 रुपये।
- बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,500 रुपये।
- पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,750 रुपये।
- पामोलिन एक्स- कांडला- 12,600 (बिना जीएसटी के)
- सोयाबीन दाना 9,150 – 9,250, सोयाबीन लूज 8,900 – 8,950 रुपये
- मक्का खल (सरिस्का) 3,800 रुपये
संबंधित खबरें
Source link