इंड्सइंड बैंक में चौथी तिमाही में अपने मुनाफे में 190 फीसदी का भारी-भरकम मुनाफा दर्ज किया है. वित्त वर्ष 2019-20 की मार्च तिमाही की तुलना में वित्त वर्ष 2020-21 की मार्च तिमाही में बैंक का मुनाफा 190 फीसदी बढ़ कर 875.95 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. दरअसल चौथी तिमही की प्रोविजिनिंग में गिरावट की वजह से बैंक के मुनाफे में यह तेज बढ़ोतरी दिख रही है. पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी का मुनाफा 301.84 करोड़ रुपये का रहा था.
नतीजे उम्मीद के मुताबिक
चौथी तिमाही में बैंक की ब्याज आय सालाना आधार पर 9.4 फीसदी की बढ़त के साथ 3,534.61 करोड़ रुपये रही है, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 3,231.19 करोड़ रुपये पर रही थी. बैंक के चौथी तिमाही के नतीजे काफी हद तक अनुमान के मुताबिक ही रहे हैं. वित्तीय संस्थानों ने अनुमान लगाय था कि चौथी तिमाही में इंडसइंड बैंक का का मुनाफा 875.4 करोड़ रुपये और ब्याज आय 3,485.9 करोड़ रुपये रह सकती है. चौथी तिमाही में बैंक की प्रॉविजनिंग 1,865.69 करोड़ रुपये पर रही है जो सालाना आधार पर 23.5 फीसदी कम रही है, जबकि तिमाही आधार पर 0.7 फीसदी ज्यादा रही है.
मुनाफा बढ़ा लेकिन एसेट क्वालिटी में भी गिरावट
चौथी तिमाही में भले ही बैंक के मुनाफे में बढ़ोतरी हुई है लेकिन इसकी एसेट क्वालिटी में गिरावट आई है. इस दौरान बैंक के ग्रॉस एनपीए में 93 बेसिस प्वाइंट की बढ़त हुई है और यह 2.67 फीसदी पर पहुंच गया. वहीं शुद्ध एनपीए तिमाही आधार पर 47 बेसिस प्वाइंट की बढ़त के साथ 0.69 फीसदी पर रही. मार्च 2021 तिमाही में बैंक का टैक्स पर होने वाला खर्च सालाना आधार पर 240.3 फीसदी की बढ़त के साथ 319.89 करोड़ रुपये पर रहा है, जो वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में 94.01 करोड़ रुपये रहा था.
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