नई दिल्ली: सूचना प्रौद्योगिकी (IT) कंपनी इन्फोसिस (Infosys) का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही अप्रैल-जून में लगभग 23 प्रतिशत बढ़कर 5,195 करोड़ रुपये रहा. पहली तिमाही के बेहतर वित्तीय परिणाम के साथ ऑर्डर की मजबूत स्थिति को देखते हुए कंपनी ने पूरे वित्त वर्ष के लिये अपनी आय वृद्धि के अनुमान को बढ़ाया है.
नये आयकर पोर्टल में तकनीकी खामियों को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही कंपनी ने कहा कि परियोजना कंपनी के लिये फिलहाल बड़ी प्राथमिकता है और मुद्दों के समाधान के लिये जोर-शोर से काम कर रही है. बेंगलुरु की कंपनी का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में 22.7 प्रतिशत बढ़कर 5,195 करोड़ रुपये रही. जो इससे पूर्व वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में 4,233 करोड़ रुपये था.
इन्फोसिस ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसकी परिचालन आय 2021-22 की पहली तिमाही में 17.8 प्रतिशत बढ़कर 27,896 करोड़ रुपये रही. एक साल पहले 2020-21 की इसी तिमाही में यह 23,665 करोड़ रुपये थी. कंपनी ने 2021-22 के लिये आय अनुमान बढ़ाकर 14-16 प्रतिशत किया है जो पहले 12-14 प्रतिशत था. उसने कहा कि पहली तिमाही के बेहतर वित्तीय परिणाम, आर्डर की अच्छी संख्या और बेहतर अनुबंध को देखते हुए उसने आय अनुमान बढ़ाया है.
इन्फोसिस के लिये बड़े सौदों का प्रवाह मजबूत बना हुआ है. पहली तिमाही में कुल अनुबंध मूल्य 2.6 अरब डॉलर का था. इन्फोसिस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक सलिल पारेख ने कहा, ‘‘हमारे कर्मचारियों ने जो समर्पण दिखाया और ग्राहकों ने जो भरोसा जताया, उसके कारण हमने पहली तिमाही में एक दशक में तीव्र गति से वृद्धि हासिल की. सालाना आधार पर यह 16.9 प्रतिशत जबकि तिमाही आधार पर यह 4.8 प्रतिशत है. हम अपनी क्षमता को देखते हुए अपने ग्राहकों को उनके डिजिटल रूपांतरण में मदद के लिये संतोषजनक स्थिति में बने हुए हैं.’’
इन्फोसिस की आय स्थिर विनिमय दर के संदर्भ में जून 2021 तिमाही में सालाना आधार पर 16.9 प्रतिशत बढ़ी. कंपनी ने वित्तीय परिणाम की घोषणा बाजार बंद होने के बाद की है. कंपनी का शेयर बीएसई में 2.07 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,576.90 रुपये प्रति इक्विटी रहा. पारेख ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में अच्छी मांग है. वित्तीय सेवा, खुदरा, विनिर्माण और लाइफ साइंस के क्षेत्र में अच्छे सौदे पाइपलाइन में हैं.
इन्फोसिस के मुख्य परिचालन अधिकारी प्रवीण राव ने कहा कि जैसे-जैसे डिजिटल प्रतिभाओं की मांग बढ़ती है, उद्योग में नौकरी छोड़कर जाने की बढ़ती दर अल्पकालीन चुनौती बन गयी है. उन्होंने कहा, “हम इस मांग को पूरा करने के लिये कॉलेज स्नातकों की नियुक्ति योजना का विस्तार कर रहे हैं. वित्त वर्ष 2021-22 में वैश्विक स्तर पर करीब 35,000 नियुक्तियां की जाएंगी.’’
राव ने कहा कि कंपनी कर्मचारियों को बनाये रखने की रणनीति पर ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले ही क्षतिपूर्ति जनवरी में बढ़ा चुके हैं और दूसरा जुलाई से प्रभावी होगी. हमने पदोन्नति की संख्या बढ़ायी है. कर्मचारियों को जोड़े रखने पर विशेष ध्यान है.’’
इन्फोसिस के कुल कर्मचारियों की संख्या जून 2021 की स्थिति के अनुसार 2,67,953 थी. वहीं स्वेच्छा से कंपनी छोड़कर जाने वालों की दर 13.9 प्रतिशत है. इन्फोसिस के मुख्य वित्तीय अधिकारी नीलंजन रॉय ने कहा कि वेतन की समीक्षा, लोगों को कंपनी से जोड़ने और कर्मचारियों को बनाये रखने को लेकर होने वाले खर्च के बावजूद कंपनी लागत को अनुकूलतम स्तर पर रखने के कार्यक्रम के आधार पर मार्जिन को लेकर आश्वस्त है.
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