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भारतीय रिजर्व बैंक ने वाहन ऋण पोर्टफोलियो में नियामकीय अनुपालन में खामियों के लिए एचडीएफसी बैंक पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। एक भंडाफोड़ करने वाले (व्हिसलब्लोअर) की शिकायत की जांच के बाद यह जुर्माना लगाया गया है। शिकायत में बैंक के वाहन ऋण पोर्टफोलियो में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। जुर्माना लगाने का आदेश 27 मई को जारी किया गया। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि उसने एचडीएफसी बैंक पर बैंकिंग नियमन कानून, 1949 के कुछ प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
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क्या है मामला
आरबीआई ने अपनी जांच में पाया कि एचडीएफसी बैंक की तरफ से ऑटो लोन संबंधित नियमों का पालन नहीं किया गया है। एचडीएफसी को एक नोटिस जारी करते हुए सेंट्रल बैंक ने इस पूरे प्रकरण पर कारण बताने को कहा गया था। नोटस में आरबीआई ने कहा था कि निर्देशों के उल्लंघन में क्यों जुर्माना ना लगाया जाए। एचडीएफसी बैंक के ऑटो पोर्ट फोलियो पर आरोप है कि ग्राहकों से ऑटो लोन के साथ जीपीएस डिवाइस खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है।
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आरबीआई के एफडीएफसी बैंक की तरफ से किए गए नोटिस के जवाब से भी संतुष्ट नहीं था। साथ ही जांच के दौरान यह स्पष्ट हो गया था कि बैंक की तरफ से नियमों का पालन नहीं हुई है। और इस पूरे पर सबूत भी पर्याप्त थे। जिसके बाद यह जुर्माना लगाया गया है।
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