दुबई: ईरान के असैन्य परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख ने देश के नातान्ज परमाणु इकाई में विद्युत आपूर्ति बाधित होने को ‘परमाणु आतंकवाद’ बताया है. अली अकबर सालेही ने यह टिप्पणी रविवार रात ईरान के सरकारी टेलीविजन के जरिए ऑनलाइन प्रकाशित एक खबर में की. उन्होंने हालांकि इसके लिए किसी संदिग्ध का नाम नहीं लिया. सालेही की टिप्पणी से पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ सकता है.
कई इजराइली मीडिया घरानों ने भी यही आंकलन किया था कि एक साइबर हमले की वजह से नातान्ज में अंधेरा छा गया और उस इकाई को क्षति पहुंची जहां संवेदनशील सेंट्रीफ्यूज स्थित हैं. हालांकि, खबरों में इस आंकलन के लिए किसी स्रोत का उल्लेख नहीं किया गया. इजराइली मीडिया का देश की सैन्य एवं खुफिया एजेंसियों के साथ नजदीकी संबंध है.
बता दें कि ईरान के नातान्ज परमाणु संयंत्र के विद्युत वितरण ग्रिड में रविवार को कोई समस्या पैदा हो गई. यह समस्या यूरेनियम का अपेक्षाकृत अधिक तेजी से संवर्धन करने वाली नई उन्नत अपकेंद्रण सुविधा शुरू किए जाने के कुछ ही घंटों बाद पैदा हुई. विश्व की शक्तियों के साथ परमाणु समझौते को लेकर चल रही वार्ता के बीच ईरान के सबसे सुरक्षित स्थलों में से एक माने जाने वाले इस संयंत्र में यह ताजा ‘घटना’ हुई है.
उल्लेखनीय है कि नातान्ज के उन्नत अपकेंद्रण संयंत्र में पिछले साल जुलाई में एक रहस्यमयी विस्फोट हुआ था. ईरानी परमाणु संयंत्र पर हमला करने को लेकर ईरान का क्षेत्रीय शत्रु इजराइल संदेह के घेरे में रहा है. ईरान ने भी देश के सैन्य परमाणु कार्यक्रम की कई दशक पहले शुरुआत करने वाले वैज्ञानिक की हत्या के लिए इजराइल को ही दोषी ठहराया था. इजराइल ने किसी भी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन उसके प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कई बार ईरान को अपने देश के लिए बड़ा खतरा बताया है.
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