उज्ज्वल भविष्य के लिए लड़कियों का टेक्नोलॉजी से जुड़ना है ज़रूरी , यूएन का आग्रह

0
2
Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp

अन्तरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) के अनुसार, ग्लोबल स्तर पर इंटरनेट के प्रयोग में, 17 प्रतिशत जेंडर गैप है, जोकि कम विकसित देशों में और भी ज़्यादा है। कुछ क्षेत्रों में तो ये लैंगिक खाई और बढ़ रही है, जिससे ऐसीजेंडर डिस्पैरिटी भी ज़ोर पकड़ रही हैं जिनमें महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा की पहुँच, बेहतर आमदनी वाले कामकाज, और नए कारोबार शुरू करने के अवसरों से वंचित किया जा रहा है। महासचिव ने इस दिवस पर दिये अपने सन्देश में कहा, “ये प्रोद्योगिकियाँ, सर्वजन को उपलब्ध कराने, समुदायों व अर्थव्यवस्थाओं को फिर से मज़बूत करने, और विश्व के सामने दरपेश तत्काल चुनौतियों का मुक़ाबला करने के प्रयासों का अभिन्न हिस्सा हैं।”

एक दशक का जश्न

दुनिया भर में, लड़कियाँ पढ़ाई व लिखाई कौशल में लड़कों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं, मगर फिर भी विज्ञान, टैक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) में उच्च प्रदर्शन करने वालों में लड़कियों का प्रतिनिधित्व कम है। इस दिवस की 10वीं वर्षगाँठ का जश्न मनाने के लिये, आईटीयू के महासचिव हाउलिन झाओ ने आईसीटी में लड़कियों के “10 क्षण” नामक कार्यक्रम को अपना समर्थन जताया है। वर्ष भर चलने वाले इस कार्यक्रम में, टैक्नॉलॉजी में युवा महिलाओं की अगली पीढ़ी के लिये प्रतिबद्धता दर्शाना है।

एक अन्तरराष्ट्रीय लैंगिक चैम्पियन होने के नाते, उन्होंने आईसीटी सम्बन्धित रोज़गार व कामकाज में लड़कियों और युवा महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने और जागरूकता बढ़ाने में देशों की मदद करने का संकल्प व्यक्त किया है। आईटीयू ने उम्मीद जताई है कि शिक्षा व कौशल प्रशिक्षण में सहायता करके, और ज़्यादा लड़कियों और युवा महिलाओं को, स्टैम क्षेत्र में अपने रोज़गार व कामकाज तलाश करने के लिये प्रोत्साहित किया जा सकता है जिससे लैंगिक डिजिटल खाई को पाटने में मदद मिलेगी।

भविष्य को आकार देना

इस बीच, यूएन वीमैन संस्था की कार्यकारी निदेशिका फ़ूमज़िले म्लाम्बो न्ग्यूका ने कहा है कि हर एक लड़की को इण्टरनेट कनेक्शन और टैक्नॉलॉजी से चालित भविष्य को आकार देने का पूरा अधिकार है। उन्होंने एक वक्तव्य में कहा, “ये एक ऐसी दुनिया है जो हम ‘पीढ़ी समानता’ के ज़रिये बना रहे हैं, विशेष रूप में, टैक्नॉलॉजी और नवाचार ब्लूप्रिण्ट पर हमारे सामूहिक काम के ज़रिये. इसमें एक ज़्यादा समान और विविधतापूर्ण डिजिटल बदलाव लाने के लक्ष्य प्रस्तावित किये गए हैं।”

उन्होंने कहा कि हर लड़की के लिये, लक्ष्य, एक सार्थक इण्टरनेट जुड़ाव होना चाहिये, जिसमें एक ऐसा ब्रॉडबैण्ड कनेक्शन हो जो भरोसेमन्द, तेज़ और नियमित रूप से उपलब्ध हो। आज, और हर दिन, हम समझते जा रहे हैं कि डिजिटल शक्ति, लड़कियों के हाथों में रखनी होगी. हमारे पास अब ऐसे संकल्प लेने का एक गतिवान अवसर है जिसमें लड़कियों को इण्टरनेट जुड़ाव सुनिश्चित किया जाए और एक ऐसा बेहतर भविष्य बनाने के लिये सशक्त बनाया जाए जिसकी विश्व को ज़रूरत है।”

पेशे की कोई लिंग पहचान नहीं

संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन, यूनेस्को ने कहा है कि लड़कियों की शिक्षा एक ऐसा शक्तिशाली संसाधन निवेश है जो हम, सर्वजन के सामूहिक भविष्य की ख़ातिर कर सकते हैं। यूएन एजेंसी ने टिकाऊ विकास में, मोबाइल ऐपलीकेशन्स, महिला नेतृत्व और महिला उद्यमिता की महत्ता को भी रेखांकित किया है। एजेंसी ने एक ट्वीट सन्देश में कहा है – “करियर का कोई लिंग नहीं होता है”।

क्रेडिट- संयुक्त राष्ट्र समाचार

Source link

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here