कोविड-19 महामारी के बावजूद उड़ीसा ने नए इनवेस्टमेंट के मामले में बड़ी सफलता पाई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में राज्य में कुल 2.96 लाख करोड़ रुपये का नया इनवेस्टमेंट हुआ। उड़ीसा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 2030 में राज्य को स्टील हब बनाने की दिशा में मंगलवार को बड़ी पहल की। मुख्यमंत्री ने 1.46 लाख करोड़ रुपये के 5 प्रोजेक्ट की मंजूरी दी है। इस इन्वेस्टमेंट के जरिए उड़ीसा में 26,959 लोगों को नई नौकरी मिलेगी।
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पांच प्रोजेक्ट जिन्हें हाई लेवल क्लीयरेंस मिला –
1- भूषण पाॅवर और स्टील इंटीग्रेटड प्लांट का 5 MTPA से 15 MTPA तक एक्पेंशन, इसके जरिए 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
2- टाटा स्टील लिमिटेड क्रूड प्रोडक्शन प्लांट का 3 MTPA से 8 MTPA तक एक्पेंशन, हाॅट रोल्ड क्वायल का 3 MTPA से 7 MTPA तक एक्पेंशन।
3- जिंदल स्टील एंड पाॅवर लिमिटेड का एक्पेंशन होगा। इस नए इनवेस्टमेंट के जिंदल स्टील एंड पाॅवर लिमिटेड विश्व का सबसे बड़ा स्टील प्लांट बन जाएगा।
4- Rungta माइन्स लिमिटेड इंटीग्रेटड स्टील प्लांट का एक्पेंशन प्रस्तावित है।
5- Rungta माइन्स लिमिटेड स्टील प्लांट का 0.53 MTPA से 3 MTPA तक एक्पेंशन।
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इस नए प्रोजेक्ट की मंजूरी 2030 उड़ीसा का स्टील प्रोडक्शन 28 MT से बढ़कर 100 MT हो जाएगा। पिछले 2020 सालों में उड़ीसा ने स्टील प्रोडक्शन के मामले में लगातार तेजी लाई है। साल 2000 में उड़ीसा में स्टील प्रोडक्शन 2 MT था जो 2020 तक बढ़कर 20 MT हो गया।
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