न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Published by: अलका त्यागी
Updated Wed, 29 Sep 2021 12:51 AM IST
सार
India China Border News: इस संबंध में जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पूछा गया तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की। उन्होंने कहा कि अभी ऐसी कोई बात नहीं है। यदि आगे कोई ऐसी जानकारी आएगी तो उसके बारे में बताएंगे।
उत्तराखंड के बाड़ाहोती में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की खबरों ने राज्य की खुफिया एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। खबर है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने भारतीय सीमा में बाड़ाहोती क्षेत्र के पास बनी अवस्थापना और एक पुल को क्षतिग्रस्त कर दिया। हालांकि उत्तराखंड सरकार ने इसकी जानकारी होने से इनकार किया है।
इस संबंध में जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पूछा गया तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की। उन्होंने कहा कि अभी ऐसी कोई बात नहीं है। यदि आगे कोई ऐसी जानकारी आएगी तो उसके बारे में बताएंगे। वहीं, अपर मुख्य सचिव गृह आनंद बर्द्धन ने भी कहा कि बाड़ाहोती में घुसपैठ की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है। जबकि चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना और पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने भी मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में तनाव के बाद चीन ने उत्तराखंड के बाड़ाहोती इलाके को टारगेट किया है और वहां उकसाने वाली हरकत की है। खबर है कि बीती 30 अगस्त को बाड़ाहोती के पास 100 से अधिक चीनी सैनिक पहुंचे थे, जहां उन्होंने एक कच्चा पुल तोड़ दिया। वो भारतीय सीमा में करीब पांच किलोमीटर तक अंदर घुस आए थे।
कुछ सैनिक घोड़ों पर सवार थे और कुछ पैदल। स्थानीय लोगों से आईटीबीपी को इसकी खबर मिली। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय गश्ती दल (आईटीबीपी और सेना) के वहां पहुंचने से पहले ही चीनी सैनिक उस क्षेत्र को खाली कर लौट चुके थे। हालांकि आईटीबीपी और सेना की ओर से भी इस संबंध में कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई।
स्थानीय लोगों से मिली खबर
खबरों के मुताबिक, चीनी घुसपैठ की जानकारी स्थानीय लोगों से आईटीबीपी को मिली। इसके बाद गश्ती दल वहां पहुंचा, लेकिन तब तक चीनी सैनिक वहां से जा चुके थे।
पहले भी कई बार घुसपैठ की गुस्ताखी
चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इससे पहले भी वह उत्तराखंड के बाड़ाहोती क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लांघने की गुस्ताखी कर चुका है। सितंबर 2018 में खबरें आई थीं कि चीनी सैनिकों ने बाड़ाहोती में तीन बार घुसपैठ की है।
विस्तार
उत्तराखंड के बाड़ाहोती में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की खबरों ने राज्य की खुफिया एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। खबर है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने भारतीय सीमा में बाड़ाहोती क्षेत्र के पास बनी अवस्थापना और एक पुल को क्षतिग्रस्त कर दिया। हालांकि उत्तराखंड सरकार ने इसकी जानकारी होने से इनकार किया है।
इस संबंध में जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पूछा गया तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की। उन्होंने कहा कि अभी ऐसी कोई बात नहीं है। यदि आगे कोई ऐसी जानकारी आएगी तो उसके बारे में बताएंगे। वहीं, अपर मुख्य सचिव गृह आनंद बर्द्धन ने भी कहा कि बाड़ाहोती में घुसपैठ की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है। जबकि चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना और पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने भी मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में तनाव के बाद चीन ने उत्तराखंड के बाड़ाहोती इलाके को टारगेट किया है और वहां उकसाने वाली हरकत की है। खबर है कि बीती 30 अगस्त को बाड़ाहोती के पास 100 से अधिक चीनी सैनिक पहुंचे थे, जहां उन्होंने एक कच्चा पुल तोड़ दिया। वो भारतीय सीमा में करीब पांच किलोमीटर तक अंदर घुस आए थे।
आईटीबीपी और सेना को जानकारी नहीं
कुछ सैनिक घोड़ों पर सवार थे और कुछ पैदल। स्थानीय लोगों से आईटीबीपी को इसकी खबर मिली। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय गश्ती दल (आईटीबीपी और सेना) के वहां पहुंचने से पहले ही चीनी सैनिक उस क्षेत्र को खाली कर लौट चुके थे। हालांकि आईटीबीपी और सेना की ओर से भी इस संबंध में कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई।
स्थानीय लोगों से मिली खबर
खबरों के मुताबिक, चीनी घुसपैठ की जानकारी स्थानीय लोगों से आईटीबीपी को मिली। इसके बाद गश्ती दल वहां पहुंचा, लेकिन तब तक चीनी सैनिक वहां से जा चुके थे।
पहले भी कई बार घुसपैठ की गुस्ताखी
चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इससे पहले भी वह उत्तराखंड के बाड़ाहोती क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लांघने की गुस्ताखी कर चुका है। सितंबर 2018 में खबरें आई थीं कि चीनी सैनिकों ने बाड़ाहोती में तीन बार घुसपैठ की है।
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आईटीबीपी और सेना को जानकारी नहीं
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