कल ज्येष्ठ पूर्णिमा पर बन रहा है सुख –समृद्धि बढ़ाने वाला शुभ योग, जानें पूर्णिमा व्रत का महत्व

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Jyeshtha Purnima 2021 Date: ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म में ज्येष्ठ पूर्णिमा के व्रत को बेहद पवित्र माना गया है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से मनोकामना पूरी होती है. कैलेंडर के अनुसार साल 2021 में ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 24 जून को रखा जाएगा. ज्येष्ठ पूर्णिमा के व्रत में गंगा नदी या किसी पवित्र नदी में स्नान और दान का काफी महत्व होता है.  इस दिन वट पूर्णिमा व्रत रखा जाता है और कबीरदास जयंती भी मनाई जाती है.

इस दिन बन रहा है ये शुभ संयोग

पंचांग के अनुसार इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा पर गुरुवार का शुभ संयोग बन रहा है.  इस दिन चंद्रमा पूर्ण कलाओं यानी अपनी 16 कलाओं वाला होता है. इसलिए इस दिन अर्थात पूर्णिमा व्रत के दिन किए गए शुभ कामों का पूरा फल मिलता है और सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

गुरुवार और पूर्णिमा तिथि से बनने वाले शुभ संयोग के दौरान स्नान-दान और अन्य प्रकार के  किये गए कार्यों से सुख समृद्धि, धन वैभव और मान –सम्मान में वृद्धि होती है. इससे पहले जनवरी में गुरुवार को पूर्णिमा का योग बना था.

ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा विधि

लोगों को ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल किसी पवित्र नदी या गंगा नदी में स्नान करके व्रत का संकल्प लें. यदि किसी नदी में स्नान करना संभव नहीं है तो वे गंगा जल की कुछ बूँदें मिलाकर स्नान करें. उसके बाद भगवान विष्णु की विधि- विधान से पूजा करें. रात के वक्त चंद्रमा की पूजा का भी विधान है.

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर व्रत एवं पूजन का महात्म

शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भगवान विष्णु को समर्पित करते हुए व्रत एवं पूजा किया जाता है. ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्थान सात विशेष पूर्णिमा में आता है. इस दिन भगवान विष्णु का व्रत एवं पूजन  करने से सभी कष्ट एवं संकट समाप्त होते हैं तथा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.

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