हस्तरेखा विज्ञान में हाथों के विभिन्न प्रकार का वर्णन है। वैदिक ज्योतिष में चार प्रकार के हाथों का वर्णन मिलता है। इन चारों तरह के हाथों का अर्थ भी अलग-अलग होता है। जानिए किस तरह के होते हैं ये हाथ और क्या पड़ता है इनका जीवन पर असर
पृथ्वी: यदि हथेली चौकोर और उंगलियां छोटी तो इस तरह का हाथ पृथ्वी कहलता है। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार इन हाथों वाले लोग मजबूत व्यक्तित्व के होते हैं। उनमें नेतृत्व क्षमता कूट-कूटकर भरी होती है। अपने कार्यों के लिए ये हमेशा सजग रहते हैं। ये किसी भी गलत बात को स्वीकार नहीं करते।
वायु: चौकोर हथेली और थोड़ा लंबी उंगलियां वाला हाथ इस श्रेणी में आता है। ऐसे लोग बाहर ज्यादा समय बिताना पसंद करते हैं। ऐेसे लोग तनाव अधिक लेते हैं और व्यस्त रहते हैं। ये अच्छे वक्ता होते हैं और अपनी बातों को दूसरे लोगों तक अच्छे से पहुंचा देते हैं।
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अग्नि: आयताकार और असमान उंगलियों के साथ समतल हाथ इस श्रेणी में रखा जाता है। ऐसे लोग बेहद ही ऊर्जावान और रोमांच को पसंद करने वाले होते हैं। ऐसे लोग अक्सर व्यस्त रहते हैं। इस हाथ वाले लोग राजनीति के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। ये लोग अच्छे मार्गदर्शक भी होते हैं।
जल: लंबी उंगली, आयताकार और सपाट स्थिति जल श्रेणी के हाथों का संकेत है। ऐसे हाथ वाले लोग बहुत ही संवेदनशील और भावात्मक होते हैं। हालांकि ऐसे लोग अपनी भावनाओ पर नियंत्रण रखते हैं। ये अच्छे श्रोता होते हैं।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
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