कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के 4 महीने पूरे, किसान यूनियनों ने शुक्रवार को बुलाया भारत बंद

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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। किसान यूनियनों ने 26 मार्च को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ उनका आंदोलन के 4 महीने पूरे होने पर भारत बंद बुलाया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा के पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार, शुक्रवार को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक देशभर में राष्ट्रीय राजमार्ग समेत सभी सड़कें और रेलमार्ग समेत तमाम बाजारों और अन्य सार्वजनिक स्थानों को बंद रखा जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि भारत बंद के दौरान सभी दुकानें, मॉल, बाजार और संस्थान बंद रहेंगे। तमाम छोटी व बड़ी सड़कें और रेलमार्ग को जाम रखा जाएगा। हांलांकि एम्बुलेंस व अन्य आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं बंद रहेंगी। मोर्चा ने प्रदर्शनकारी किसानों से भारत बंद के दौरान शांति बनाए रखने की अपील की है।

क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता डॉ. दर्शनपाल ने कहा कि किसान आंदोलन मजबूती के साथ चल रहा है और देशभर में हो रहे किसान महापंचायतों में 50,000 से एक लाख और उससे भी ज्यादा लोग पहुंच रहे हैं। इससे पता चलता है कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में लोग लामबंद हैं।

उन्होंने कहा कि देशभर में लोग अब इन कानूनों की खामियों और इरादों को समझ चुके हैं और सरकार किसानों की मांगें मानने को तैयार नहीं है, इसलिए भारत बंद के माध्यम से सरकार को इस संबंध में संदेश देने की कोशिश होगी। उन्होंने कहा कि पूर्ण भारत बंद असरदार होगा।

पंजाब के ही किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने भी भारत बंद पूरी तरह कामयाब होने की उम्मीद जाहिर की। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन अब पूरे देश में पहुंच गया है और किसानों के प्रति हमदर्दी रखने वाले देशवासी इसे सफल बनाएंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद की अपील के दौरान अपनी पांच मांगें रखी हैं।

ये मांगें हैं :

– तीन कृषि कानूनों को रद्द करो

– एमएसपी व खरीद पर कानून बने

– किसानों पर किए सभी पुलिस केस रद्द करो

– बिजली बिल और प्रदूषण बिल वापस करो

– डीजल, पेट्रोल और गैस की कीमतें कम करो

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