कोरोनाकाल में बैंक कर्मचारियों पर स्थानीय प्रशासन की सख्ती, केंद्र से दखल की मांग 

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कोरोना संक्रमण के इस दौर में लॉकडाउन और पाबंदियों को लेकर की जा रही प्रशासन की सख्ती बैंक के कामकाज और उनके कर्मचारियों पर भारी पड़ रही है. बैंकों ने शिकायत की है कि स्थानीय प्रशासन यानी राज्य प्रशासन जबरदस्ती बैंक शाखाओं को बंद कर रहा है. कर्मचारियों से बदसलूकी की जा रही है और उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है. इससे कई राज्यों में बैंकिंग सर्विस पर असर पड़ा है. इस तरह के मामलों को देखते हुए बैंकों ने वित्त मंत्रालय को शिकायत भेजी थी. इसके बाद वित्त मंत्रालय ने राज्यों के मुख्य सचिवों को चिट्ठी लिख कर बैंकों के कामकाज में बाधा न डालने और  बैंक कर्मचारियों की सुरक्षा निश्चित करने को कहा है.


स्थानीय प्रशासन बैंकिंग कर्मचारियों के काम में बाधा डाल रहा है 


वित्त मंत्रालय की ओर से लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि कई राज्यों में स्थानीय प्रशासन लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के क्रम में बैंक शाखाओं को काम नहीं करने दे रहा है. उन्हें जबरदस्ती बंद कराया जा रहा है. इस संकट में बैंककर्मी जान जोखिम में डाल कर काम कर रहे हैं ताकि बैंकिंग सेवाओं में बाधा न पहुंचे और आम लोगों को दिक्कत न हो. लेकिन कई जगह पर इन कर्मचारियों के साथ बदसलूकी की जा रही  है. इन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है. इंडियन बैंक एसोसिशन ने बैंकों से कहा है कि कर्मचारियों की सुरक्षा को देखते हुए बैंक सुबह दस बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक ही खोलें.


वित्त मंत्रालय ने राज्यों  को लिखी चिट्ठी 


वित्त मंत्रालय ने कहा है कि चूंकि बैंक कर्मचारियों को बैंक शाखाओं में जाकर ही काम करना पड़ता है इसलिए उन्हें वहां तक बेरोकटोक पहुंचने देना भी एक बड़ा मुद्दा है. अभी उन्हें कई जगहों पर रोका जा रहा है. शाखाओं में भी काम नहीं करने दिया जा रहा है. बैंक कर्मचारियों को जरूरी बैंकिंग सेवा की निरंतरता बनाए रखने में दिक्कत होती है. वित्त मंत्रालय की ओर से राज्यों को दो चिट्ठियां लिखी जा चुकी हैं लेकिन अभी तक बैंक कर्मचारियों के टीकाकरण को लेकर कोई कदम नहीं उठाया  गया है.  


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