कोरोना काल में खाने-पीने की चीजों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं. सब्जियों, फलों, दालों के साथ खाद्य तेल की महंगाई आम लोगों को परेशान कर रही है. हालात ये हैं कि पिछले एक साल में खाद्य तेलों के दाम लगभग दोगुना बढ़ गए हैं. देश में पैकेटबंद फूड जैसे बिस्कुट, बेकरी प्रोडक्ट और दूसरी चीजों में पाम तेल का इस्तेमाल होता है. लिहाजा इनके दाम भी जल्द बढ़ सकते हैं. भारत में होटलों, रेस्तरां में पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है. आयातित पाम तेल महंगा होने से खाद्य तेल और महंगा होने की आशंका है.
पाम ऑयल से लेकर सरसों तेल तक के दाम बढ़े
पिछले एक साल में पाम, मूंगफली, सूरमुखी और सरसों तेल तक कीमतें दोगुना तक बढ़ गई हैं. मई 2020 में पाम ऑयल की कीमत 76 रुपये प्रति किलो थी लेकिन एक साल बाद ही इसके कीमत दोगुना हो गई. मई 2020 में मूंगफली तेल की कीमत 120 रुपये प्रति किलो थी लेकिन मई 2021 में इसकी कीमत 196 प्रति किलो हो गई है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी खाद्य तेल के दाम तेजी पर
खाद्य तेल के कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल की कीमत आसमान छू रही है, जिसके चलते भारत में भी कीमत बढ़ी है. जानकार दाम बढ़ने का एक और कारण बताते हैं. उनका कहना है कि इस साल चीन भी बड़े पैमाने पर अंतर्राष्ट्रीय बाजार से खाद्य तेल खरीद रहा है, जिसके चलते दाम बढ़ गए हैं. खाद्य तेल की महंगाई भी लोगों के लिए आफत बनती जा रही है. कीमतों के बढ़ने का यही आलम रहा तो खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान में चढ़ने वाले हैं.
खाद्य तेल के दाम में लगातार बढ़ोतरी की वजह से पैकेटबंद फूड के दाम भी भी बढ़ने वाले हैं. चूंकि पैकेटबंद खाने में बड़े पैमाने पर पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है इसलिए इनके दामों के बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता.
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