कोरोना काल में हेल्थ इंश्योरेंस की अहमियत और बढ़ गई है. अभी के समय में लोग ज्यादा से ज्यादा स्किम का लाभ उठाना चाह रहे हैं. इंश्योरेंस कंपनियां ग्राहकों को लुभाने के लिए कई तरह की पॉलिसी लेकर आ रही है. ऐसे में जरूरी है कि ग्राहक पॉलिसी लेने से पहले कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखें, इसके बाद ही कुछ फैसला करें. बिना जांच पड़ताल किए पॉलिसी खरीदना जोखिम भरा हो सकता है. वहीं, एक रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर, 2020 में हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में 4,074.8 करोड़ रुपये का उछाल आया. वहीं, जून- जुलाई के महीने में ‘गूगल हेल्थ इंश्योरेंस’ और ‘हेल्थ इंश्योरेंस’ के बारे में भी लोगों ने सबसे ज्यादा बार सर्च किया.
टाटा एआईजी द्वारा शुरू की गई व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजना कोरोना वायरस से लड़ने वाले लोगों के लिए पूर्ण सुरक्षा प्रदान करती है. पेशेंट के अस्पताल में भर्ती होने के बाद टाटा एआईजी बेड खर्च, आईसीयू शुल्क, दवाइयां आदि से सब कुछ कवर करता है. उनकी वेबसाइट के अनुसार, नए पॉलिसी धारकों के पास सभी स्वास्थ्य बीमा दावों के लिए 30 दिनों का समय होता है, जिसमें COVID-19 भी शामिल है. यदि आप टाटा एआईजी स्वास्थ्य बीमा योजना का विकल्प चुनते हैं तो 30 दिनों के बाद किसी भी समय दुर्भाग्य से किसी भी बीमारी से प्रभावित होते हैं, तो आपके दावे स्किम के तहत कवर किए जाएंगे.
इन बातों का रखें ख्याल
इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले यह पता कर लें कि इसके तहत कौन सी बीमारियां कवर की जा रही हैं. इंश्योरेंस पॉलिसी के डॉक्यूमेंट को पढ़िये और नोट कीजिए कि इसमें कौन सी बीमारियां कवर हो रही हैं और कौन सी नहीं. दरअसल, हर हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम से एक लिस्ट जुड़ी होती है, जिसके जरिये यह बताया जाता है कि किन-किन बीमारियों का इलाज उस योजना में शामिल नहीं है. स्वास्थ्य बीमा योजनाओं की खरीदारी से पहले इस बात का भी खास ध्यान रखें कि योजना में पहले से मौजूद बीमारियों को शामिल किया गया है या नहीं.
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