कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने ई-कॉमर्स कंपनियों के कारोबार पर गहरा असर डाला है. पिछले साल कोरोना संक्रमण के हमले से ई-कॉमर्स कंपनियों के कारोबार पर कोई खास असर नहीं पड़ा था. लेकिन इस बार इस महामारी ने इस पर असर डाला है. पिछले साल जैसे ही मई में लॉकडाउन खत्म हुआ था अचानक ऑर्डर बुकिंग तेज हो गई थी और डिलीवरी ने भी रफ्तार पकड़ ली थी. लेकिन इस बार अलग-अलग राज्यों में लॉकडाउन और पाबंदियों की वजह से इंडस्ट्री में अनिश्चितता बनी हुई है. सामानों की डिलीवरी और बिक्री पर पिछले कुछ सप्ताह से असर पड़ दिख रहा है और ई-कॉमर्स में रिकवरी को लेकर चिंता पैदा हो गई है.
अप्रैल में 11 फीसदी कम हो गए ई-कॉमर्स कंपनियों के ऑर्डर
ई-कॉमर्स सॉल्यूशन प्रोवाइडर यूनिकॉमर्स का कहना है कि मार्च की तुलना में अप्रैल में ई-कॉमर्स के ऑर्डर 11 फीसदी घट गए हैं. ई-कॉमर्स कंपनियों से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि कोविड की दूसरी लहर की वजह से गैर जरूरी चीजों की डिमांड कम हुई है. उनके मुताबिक हाल में कंज्यूमर डिमांड में कमी दर्ज की गई है. हालांकि ई-कॉमर्स कंपनियों को इस बात की उम्मीद है कि लॉकडाउन और पाबंदियों की वजह से ऑफलाइन बिक्री में कमी का फायदा ऑनलाइन बिक्री को हो सकता है.
गैर जरूरी आइटमों की बिक्री में काफी गिरावट
यूनिकॉमर्स के आंकड़ों के मुताबिक फैशन आइटम और एसेसरीज की ऑनलाइन बिक्री 22 फीसदी घट गई है. आईवियर और एसेसरीज की बिक्री में 11 फीसदी की गिरावट आई है. हालांकि एफएमसीजी, फार्मास्यूटिकल्स और एग्री प्रोडक्ट की ऑनलाइन बिक्री में इजाफा दर्ज किया गया है. इनमें 18 से 33 फीसदी की सेल्स ग्रोथ दिखी है. दूसरी ओर फिजिकल स्टोर से एफएमसीजी और ग्रॉसरी की बिक्री घट रही है. लॉकडाउन की वजह से मार्च की तुलना में अप्रैल में एफएमसीजी और ग्रॉसरी की बिक्री 16 फीसदी घट गई है. इन सामानों की सबसे ज्यादा गिरावट टियर-2 शहर में दिखा है, जहां आबादी 10 लाख से 50 लाख के बीच है. इन शहरों में तो मार्च की तुलना में अप्रैल में बिक्री 26 फीसदी घट गई है.
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