कोरोना संक्रमण की वजह को काबू करने के लिए लगाए जा रहे स्थानीय लॉकडाउन और पाबंदियों से कॉरपोरेट कंपनियों की कमाई की भारी झटका लग सकता है. विश्लेषकों ने इन कंपनियों की कमाई के आकलन का घटाना शुरू कर दिया है. पिछले चार सप्ताह के दौरान एनएसई 500 में शामिल 80 कंपनियों की प्रति शेयर आमदनी में कमी का अनुमान जताया गया है. ऑटो, फार्मा और बैंकिंग शेयरों की डाउग्रेडिंग से कंपनियों की कमाई में कमी की आशंका बढ़ गई है. हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि कोरोना की स्थिति में सुधार हुआ तो हालात बहुत तेजी से सामान्य हो सकते हैं. लेकिन फिलहाल इसकी ज्यादा उम्मीद नहीं दिख रही है.
कोरोना के केस के बढ़ने के साथ ही कमाई के मोर्च पर कंपनियों की स्थिति खराब
निफ्टी 50 में शामिल भारती एयरटेल, टाइटन, टाटा मोटर्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इंडियन ऑयल, ओएनजीसी, डॉ. रेड्डीज लैब, बजाज फाइनेंस और अल्ट्रा टेक सीमेंट की प्रति शेयर आय में पिछले चार सप्ताह के दौरान गिरावट आई है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना के केस के बढ़ने के साथ ही कमाई के मोर्च पर कंपनियों की स्थिति काफी तेजी से खराब होती जा रही है.
काफी कुछ वैक्सीन की रफ्तार पर निर्भर
निफ्टी 50 से बाहर जिन कुछ कंपनियों की कमाई में गिरावट की आशंका है, उनमें यूपीएल, पीआई इंडस्ट्रीज, यूनाइटेड स्पिरिट्स, जुबिलेंट फूडवर्क्स, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, एलएंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज और ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन फार्म आदि कंपनियां शामिल हैं. हालांकि एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के गोपाल अग्रवाल का कहना है अगर वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज हुई तो आने वाले वक्त कमाई के मोर्चे पर अच्छे नतीजे देखने को मिल सकते हैं. फिलहाल देश में कोरोना की वैक्सीन की सप्लाई तेज करने पर पूरा जोर है. सरकार कुछ दूसरे देशों से भी वैक्सीन मंगा सकती है. साथ ही घरेलू उत्पादन पर भी जोर दे रही है.
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