देश के आठ प्रमुख शहरों में आवसीय परियोजनाओं के बिक्री के लिए खड़े मकानों का स्टॉक (संख्या) जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान पिछली तिमाही के मुकाबले लगभग दो प्रतिशत कम हो कर 7.05 लाख यूनिट पर रही।
रियल एस्टेट कंपनी रियलइनसाइट की रिपोर्ट के अनुसार बिक्री की गति यही रही तो डेवेलर्स को इन इकाइयों (आवास) को बेचने में तक़रीबन चार साल लग जायेंगे। हाउसिंग ब्रोकरेज कंपनी प्रोप टाइगर ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि हाउसिंग में सबसे अधिक 18 प्रतिशत की गिरावट रेडी तो मूव इन यानी तैयार आवास की बिक्री में दर्ज की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक़ इन शहरों में वर्ष 2021 की पहली तिमाही के अंत में बिक्री के लिए तैयार मकानों की संख्या 7,05,344 रहीं। इससे पिछली तिमाही में यह संख्या 7,18,483 थी।
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आलोच्य तिमाही में इन शहरों में कुल 66,176 मकान बिके और 53,037 नए मकान तैयार हुए। प्रोप टाइगर के मुख्य परिचालन अधिकारी मनी रंगराजन ने कहा, ‘मुंबई और पुणे में ऐसी आवासीय इकाइयों की संख्या सबसे अधिक है।इन बिना बिके मकानों का 54 फीसदी स्टाक अकेले इन दो शहरों में था। इनमें बाकी 15 प्रतिशत मकान दिल्ली-एनसीआर में और दस प्रतिशत बेंगलुरु में थे।
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