नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए उनके द्वारा आवाजाही पर लगायी गई पाबंदियों से टीकाकरण पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं, जिनमें कुछ राज्यों और जिलों में कुछ अवधि के लिए कर्फ्यू और आंशिक/पूर्ण लॉकडाउन लगाना भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह से कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों के प्रबंधन के लिए कुछ अस्पतालों को केवल कोविड-19 मामलों के प्रबंधन के लिए समर्पित कोविड-19 अस्पतालों के रूप में चिह्नित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इस संबंध में सलाह दी जाती है कि कोविड-19 टीकाकरण सेवाएं कोविड-19 कर्फ्यू/लॉकडाउन से प्रभावित नहीं होनी चाहिए और ऐसे कदमों के दौरान लाभार्थियों की कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों (सीवीसी) के लिए आवाजाही प्रतिबंधित नहीं की जानी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह, उन सीवीसी को जिन्हें समर्पित कोविड-19 अस्पतालों के रूप में पहचाना गया है, उन्हें निरंतर कोविड-19 टीकाकरण सेवाएं प्रदान करते रहना चाहिए। इन अस्पतालों में एक अलग इमारत/ब्लॉक में टीकाकरण सेवाएं प्रदान की जानी चाहिए, जो उस भवन या ब्लॉक से अलग होती हो, जहां कोविड-19 के रोगियों का प्रबंधन किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि इससे सुनिश्चित होगा कि इन अस्पतालों में टीकाकरण के लाभार्थी अनजाने में कोविड-19 के संपर्क में न आयें।
अधिकारी ने कहा, ‘‘मैं आपसे सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोविड-19 टीकाकरण की निर्बाध निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का विनम्र अनुरोध करता हूं। भारत सरकार कोविड-19 टीकाकरण के लिए हर संभव सहयोग करेगी, जो महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए महत्वपूर्ण रणनीति है।’’
उन्होंने कहा कि भारत में वर्तमान में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को अब तीन महीने पूरे हो चुके हैं, जिस दौरान कोविड-19 टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह द्वारा तय किये गए प्राथमिकता वाले लाभार्थियों को 12.26 करोड़ खुराक दी गई है।
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