मुंबई: महामारी की दूसरी लहर से बुरी तरह से प्रभावित हुई भारतीय अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आर्थिक उपायों की घोषणा का कॉरपोरेट जगत ने स्वागत किया है.
टीवी नरेंद्रन, ग्लोबल सीईओ और प्रबंध निदेशक टाटा स्टील, ने कहा, "हम स्वास्थ्य और पर्यटन पर विशेष ध्यान दिए जाने से खुश हैं. स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन क्षेत्रों और छोटे कर्जदार को ऋण गारंटी देने, COVID 2.0 के बाद उद्यमों को बचाए रखने के उपाय, ECLGS के दायरे को 1.5 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने जैसे उपाय, बहुत स्वागत योग्य कदम हैं."
नरेंद्रन ( जो कि सीआईआई के भी अध्यक्ष हैं) ने आगे कहा कि ECLGS योजना एक बहुत ही सफल हस्तक्षेप रही है, जिसकी स्वीकृत राशि अब तक 2.69 लाख करोड़ रुपये है. इसके दायरे और कवरेज के विस्तार से दबावग्रस्त क्षेत्रों के नकदी प्रवाह को महत्वपूर्ण सहायता मिलने की उम्मीद है.
माधवी अरोड़ा, प्रमुख अर्थशास्त्री, एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने हालांकि उपायों का स्वागत किया लेकिन कहा कि अधिकांश वित्तीय सहायता अभी भी उम्मीद से कम है और ऋण गारंटी के रूप में है न कि प्रत्यक्ष प्रोत्साहन के रूप में. वहीं Eqaro गारंटी के सीईओ विकाश खंडेलवाल का मानना है कि व्यवसायों के लिए फंडिंग की सुविधा के लिए गारंटी एक प्रभावी तरीका है. यह ऋणदाता के विश्वास में सुधार करता है.
U GRO कैपिटल के कार्यकारी अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री शचींद्र नाथ के अनुसार, इस तथ्य पर विचार करते हुए कि ECLGS परिव्यय का लगभग 90% प्रभावित एमएसएमई क्षेत्र का समर्थन करने के लिए प्रभावी ढंग से उपयोग किया गया था, अतिरिक्त 1.5 लाख करोड़ रुपये पुनरुद्धार को महत्वपूर्ण रूप से उत्प्रेरित करेंगे.
शचींद्र नाथ ने कहा, "यह घोषणा एक महत्वपूर्ण क्षण में आई, क्योंकि विश्व एमएसएमई दिवस एक दिन पहले मनाया गया था. इसके अलावा, सूक्ष्म-वित्त संस्थानों के माध्यम से 25 लाख व्यक्तियों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना और पर्यटन क्षेत्र के लिए घोषित वित्तीय उपायों की बहुत सराहना की जानी चाहिए."
सीआईआई के महानिदेशक, श्री चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “महामारी से उत्पन्न तनावग्रस्त क्षेत्रों को लिक्विडिटी सहायता प्रदान करना, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन क्षेत्रों और छोटे उधारकर्ताओं के लिए ऋण गारंटी जैसे उपायों की घोषणा, वृद्धि के अलावा ईसीएलजीएस का 1.5 लाख करोड़ रुपये का दायरा बढ़ाना प्रशंसनीय है. इन उपायों से महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर लॉकडाउन के कारण होने वाले व्यापारिक व्यवधानों से उत्पन्न गंभीर नकदी प्रवाह संकट को दूर करने की उम्मीद है. ” बनर्जी ने कहा, "6.29 लाख करोड़ रुपये के खर्च के साथ आर्थिक पुनरुद्धार उपायों की अतिरिक्त किश्त इस साल विकास को एक महत्वपूर्ण गति प्रदान करेगी."
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