डिजिटल डेस्क,दिल्ली। कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को तोड़ कर रख दिया है। भारत में इसकी दूसरी लहर ने तो तबाही मचा दी है। चारों तरफ लाशों के ढेर लग चुके है। इस बीच अमेरिका की एपलचियन स्टेट यूनिवर्सिटी की रिसर्च में कहा गया कि, कोरोना संक्रमण का असर हमारे दिल तक पहुंच सकता है और ये असर आपकी रिकवरी के बाद भी शरीर में मौजूद रहता है।
जानकारी विस्तार से
- अमेरिका की एपलचियन स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्च में दावा किया गया कि, इससे सिर्फ बुजुर्गों ही नहीं बल्कि युवाओं को भी खतरा रहता है।
- बता दें कि, कोरोना संक्रमण का असर इंसान की रक्त वाहिनियों पर पड़ता है। इससे लोगों में दिल से संबंधित बीमारियां होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
- शोधकर्ता स्टीव रैचफोर्ड के अनुसार, संक्रमित युवाओं में तीन-चार हफ्तों के बाद उनकी रक्त वाहिनियों में बदलाव पाया गया। वहीं बुजुर्गों में यह बदलाव संक्रमण होने के कुछ माह बाद देखा गया है।
- ये वायरस ब्रेन को रक्त पहुंचाने वाली कैरोटिड आर्टरी समेत पूरे शरीर की रक्त धमिनियों को नुकसान पहुंचाने की ताकत रखता है, जिससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है और कुछ मामलों में यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।
- रिसर्च कहता हैं कि, डायबिटीज, हाइपरटेंशन और मोटापे के शिकार लोगों को कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा होता है।
- ऐसे लोग डॉक्टर के पास तुरंत जाए।
- बता दें कि, कोरोना संक्रमण का असर दिल के अलावा मरीज की किडनी पर भी पड़ सकता है। किडनी में सूजन आने से किडनी के टिश्यू डैमेज हो सकते हैं।
- देखा गया हैं कि, कोरोना संक्रमण ठीक होने के बाद भी किडनी ठीक तरीके से काम नहीं कर पाती है। इसलिए वायरस से रिकवर होने के बाद भी आप अपना अच्छे से इलाज ले और डॉक्टर्स की सलाह से ट्रीटमेंट करवाएं।
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