1971 की लड़ाई के हीरो रिटायर विंग कमांडर सिस्टम की नाकामी से कोरोना से जंग हार गए। अस्पताल व इलाज न मिलने से उनकी मौत हो गई। जिस एयरफोर्स अस्पताल के वे अधिकारी रहे, वहां भी उन्हें इलाज के लिए एडमिट नहीं किया गया।
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बांग्लादेश को अलग करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध के हीरो रहे विंग कमांडर आरएस वाजपेयी अपने ही देश की बिगड़ी स्वास्थ्य सेवाओं से हार गए। इलाज न मिलने के कारण कोरोना से उनकी मौत हो गई।
जिस एयरफोर्स अस्पताल के वे अधिकारी रहे, वहां भी उन्हें भर्ती नहीं किया गया। इसके अलावा चार-पांच और अस्पतालों के चक्कर लगाए लेकिन कहीं बेड नहीं मिला। ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरने से उनकी जान चली गई।
मौत से पहले उन्होंने फेसबुक पर अस्पताल की पूरी मनमानी बया की है। पीएसी मोड़ श्याम नगर के रहने वाले विंग कमांडर आरएस वाजपेयी 30 साल तक एयरफोर्स में रहे। भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में इनका अहम योगदान था।
जब सेना लाहौर तक पहुंच गई थी, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्देश पर विंग कमांडर ने ही पाकिस्तान में एयरफोर्स की अगुवाई की थी। दो दिन पहले विंग कमांडर का ऑक्सीजन लेवल 80 के नीचे आया तो वे इलाज के लिए सेवन एयरफोर्स अस्पताल गए पर बेड नहीं मिला।
उन्होंने फेसबुक पर लिखा है कि समस्या बताने के बाद भी मेडिकल ड्यूटी ऑफिसर ने भर्ती नहीं किया। इसके बाद कई अन्य अस्पताल गए लेकिन इलाज नहीं मिला। उनकी पत्नी और बेटा भी कोरोना संक्रमित हैं।
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बांग्लादेश को अलग करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध के हीरो रहे विंग कमांडर आरएस वाजपेयी अपने ही देश की बिगड़ी स्वास्थ्य सेवाओं से हार गए। इलाज न मिलने के कारण कोरोना से उनकी मौत हो गई।
जिस एयरफोर्स अस्पताल के वे अधिकारी रहे, वहां भी उन्हें भर्ती नहीं किया गया। इसके अलावा चार-पांच और अस्पतालों के चक्कर लगाए लेकिन कहीं बेड नहीं मिला। ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरने से उनकी जान चली गई।
मौत से पहले उन्होंने फेसबुक पर अस्पताल की पूरी मनमानी बया की है। पीएसी मोड़ श्याम नगर के रहने वाले विंग कमांडर आरएस वाजपेयी 30 साल तक एयरफोर्स में रहे। भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में इनका अहम योगदान था।
जब सेना लाहौर तक पहुंच गई थी, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्देश पर विंग कमांडर ने ही पाकिस्तान में एयरफोर्स की अगुवाई की थी। दो दिन पहले विंग कमांडर का ऑक्सीजन लेवल 80 के नीचे आया तो वे इलाज के लिए सेवन एयरफोर्स अस्पताल गए पर बेड नहीं मिला।
उन्होंने फेसबुक पर लिखा है कि समस्या बताने के बाद भी मेडिकल ड्यूटी ऑफिसर ने भर्ती नहीं किया। इसके बाद कई अन्य अस्पताल गए लेकिन इलाज नहीं मिला। उनकी पत्नी और बेटा भी कोरोना संक्रमित हैं।