कोविड-19 वैक्सीन लगवाने का जल्द लें फैसला, व्हाइट हाउस के वरिष्ठ कोविड-19 सलाहकार का बयान

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कोई भी अमेरिकी जिसने कोविड-19 लगवाने के बारे में फैसला नहीं किया है, उसे ‘भारत की तरफ’ देखना चाहिए. ये कहना है बाइडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी का. व्हाइट हाउस में कोविड-19 रिस्पॉन्स के वरिष्ठ सलाहकार एंडी स्लाविट ने बुधवार को कहा कि आम जनता को अमेरिका में गिरे रुझान का एशियाई देश में देखी गई वृद्धि से तुलना करना चाहिए. बुधवार को भारत में एक दिन में सबसे अधिक मौत का आंकड़ा दर्ज किया गया, जबकि अमेरिका में सात दिन में रोजाना का औसत 619 मौत की संख्या सामने आई, ये तादाद पिछले साल 6 जुलाई से सबसे कम थी. उन्होंने कहा, "डेटा को देखिए, भारत को देखिए और नतीजों को समझिए कि क्या होता है जब आप टीकाकरण नहीं कराते हैं."


कोविड-19 की वैक्सीन से संकोच करनेवालों को सलाह


अधिकारियों का मानना है कि भारत में पहली बार उजागर हुआ कोरोना वायरस का वेरिएन्ट कम से कम आंशिक रूप से देश की दूसरी कोरोना वायरस लहर का जिम्मेदार है. B.1.617 के तौर पर चर्चित वेरिएन्ट सभी मामलों में अनुमामित दो फीसद की वृद्धि के साथ भारत में सबसे आम बन गया है. भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से B.1.617 वेरिएन्ट को ‘डबल म्यूटेंट’ कहा गया है क्योंकि वायरस की सतह पर उसमें दो म्यूटेशन हुआ है. बुधवार को भारत में कोरोना संक्रमण के 360,000 नए मामले और 4,200 मौत दर्ज किए गए थे. ये देश में एक दिन में मौत का सबसे ज्यादा आंकड़ा था.


अमेरिकी अधिकारी ने भारत की तरफ देखने को कहा


एंडी स्लाविट की ये भी सिफारिश है कि वैक्सीन से संकोच करनेवालों को अपने डॉक्टरों समेत उन परिचित लोगों से बात करनी चाहिए जिन्होंने वैक्सीन लगवाई है. उन्होंने बताया, "हम जानते हैं कि कुछ लोग वैक्सीन लगवाने या ना लगवाने के बारे में जल्दी फैसला लेते हैं और कुछ लोग विचार करने के लिए थोड़ा समय चाहते हैं कि क्या उन्हें ऐसा करना चाहिए या नहीं." उनका कहना है कि अगर आपको कोई सवाल है जिसका जवाब चाहते हैं, तो अपने डॉक्टर से पूछें. अगर आप वैक्सीन लगवा चुके 150 मिलियन लोगों में से किसी से बात करना चाहते हैं, और उनका अनुभव समझना चाहते हैं, तो ऐसा करें.


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