एंटीबायोटिक्स बैक्टीरियल संक्रमण का इलाज और सेहत की प्राप्ति में मदद करते हैं, लेकिन जरूरी है याद रखना कि इस प्रक्रिया में हमारी आंत के अच्छे बैक्टीरिया की भी ये हत्या करते हैं. अच्छे बैक्टीरिया की पहचान भोजन को पचाने के सहायक के तौर पर होती है जो बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है. अपने आंत के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल के बाद अपनी डाइट में प्रोबायोटिक्स को शामिल करना है.
एंटीबायटिक्स का इस्तेमाल नाटकीय रूप से आंत में बैक्टीरिया के प्रकार और मात्रा को बदल सकता है. इसलिए डॉक्टर भोजन के साथ एंटीबायोटिक्स लेने की सिफारिश करते हैं.
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आंत के बैक्टीरिया की कमी कैसे आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है?
न्यूट्रिशनिस्ट शिविका गांधी ने इंस्टाग्राम पर एक महत्वपूर्ण टिप शेयर किया है. उन्होंने एंटीबायोटिक के इस्तेमाल के बाद आंत को स्वस्थ रखने की जानकारी दी है. उन्होंने कहा, “एंटीबायोटिक्स गंभीर संक्रमण के इलाज में बहुत जरूरी और प्रभावी हैं. हालांकि, न सिर्फ ये बीमारी की वजह बननेवाले बैक्टीरिया को मारता है बल्कि स्वस्थ बैक्टीरिया का भी खात्मा करता है. वास्तव में एंटीबायोटिक्स के मात्र एक सप्ताह इस्तेमाल से जठरांत्र क्षेत्र की एक साल के लिए क्षतिपूर्ति कर सकता है.” गांधी कहती हैं कि आपको प्रोबायोटिक्स का इस्तेमाल आंत में स्वस्थ बैक्टीरिया की बहाली के इलाज के बाद और इलाज के दौरान करना चाहिए और डायरिया के खतरे को कम करने के लिए भी करना चाहिए.
आप क्या खा सकते हैं?
प्रोबायोटिक्स आसानी से भारत में उपलब्ध हैं. योगर्ट, छाछ, इडली को आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
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