क्या दो मास्क पहनने से कोरोना वायरस के खिलाफ मिल सकती है दोहरी सुरक्षा? जानिए विशेषज्ञों की राय

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कोविड-19 के मामले रोजाना खतरनाक दर से बढ़ रहे हैं. दुनिया में कोरोना वायरस की दर 8 लाख पार कर रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 16 अप्रैल, 2021 को दुनिया भर में कोविड-19 के नए मामले 804,807 थे. शनिवार को भारत में महामारी की शुरुआत से लेकर एक दिन में सबसे ज्यादा 234,692 कोविड-19 के नए मामले उजागर हुए. एक खास बैठक में बोलते हुए डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने चेताया था कि कोविड-19 संक्रमण का सबसे ऊंचा दर पहुंचनेवाला है.


डबल मास्क से मिलती है कोरोना के खिलाफ डबल सुरक्षा 


उन्होंने कोविड-19 के मामलों में अचानक तेजी से उछाल के पीछे नए वेरिएन्ट्स, समय पूर्व स्वास्थ्य उपायों में ढील जैसे मुद्दों को जिम्मेदार ठहराया. कोविड-19 की वृद्धि को काबू में करने के लिए उन्होंने सख्ती से व्यक्तिगत सावधानी जैसे शारीरिक दूरी, मास्क, हाथ की स्वच्छता और वेंटिलेशन का पालन करने की अपील की. इस बीच, वैज्ञानिकों का कहना है कि दो मास्क का पहनना कोरोना वायरस के खिलाफ सुरक्षा को दोगुना कर सकता है. ये खुलासा जामा इंटरनल मेडिसीन में प्रकाशित रिसर्च से हुआ है.


रिसर्च को यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना स्कूल ऑफ मेडिसीन के शोधकर्ताओं ने अंजाम दिया. उनका कहना है कि दो फेस कवर पहनने से कोरोना वायरस के आकार जैसे अणुओं को छानने का प्रभाव करीब दोगुना हो सकता है. अमेरिका स्थित सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) का भी यही कहना है. उसका सुझाव है कि कोविड-19 से बेहतर सुरक्षा के लिए अब लोगों को एक नहीं बल्कि 2 फेस मास्क पहनने चाहिए.


सर्जिकल मास्क के ऊपर कपड़े से बना मास्क पहन सकते हैं


संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फाउची ने बताया कि कोरोना वायरस नाक और मुंह के जरिए शरीर में दाखिल होता है. इसलिए, अगर नाक और मुंह को सही तरीके से ढंका जाए, तो वायरस के खिलाफ पूरी सुरक्षा मिलेगी. सीडीसी का ये भी सुझाव है कि दो लेयर वाले कपड़े से बने मास्क पहनकर भी बचाव हो सकता है. दरअसल, डबल लेयर मास्क सांस के साथ बाहर निकलने वाली ड्रॉपलेट्स या छोटी बूंदों को हवा में फैलने से रोकता है. खासकर, हवाई यात्रा के दौरान लम्बे समय तक सफर करने से कोविड-19 के संक्रमण का खतरा भी ज्यादा होता है.


ऐसी स्थिति में डबल लेयर मास्क पहनना महत्वपूर्ण है. शोधकर्ताओं की दलील है कि जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना मुश्किल हो, वहां सर्जिकल मास्क के ऊपर कपड़े से बना मास्क पहना जा सकता है. उन्होंने कुछ उपाय सुझाए हैं, मिसाल के तौर मास्क अच्छी तरह फिट हो और ढीले ढाले न हो. ढीले-ढाले मास्क पहनने से कोरोना प्रसार को रोकने में मदद नहीं मिलती. कपड़े से बने मास्क पहनते समय भी दो लेयर को देख लें.


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