डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों के लिए देश की पहली सेल्फ-टेस्टिंग किट को मंजूरी दी है। यह किट मौजूदा लेबोरेटरीज का बर्डन कम करेंगी। हालांकि, इसकी एफिसेसी 100 प्रतिशत नहीं है और किसी व्यक्ति को कोविड-19 होने पर भी निगेटिव रिजल्ट दिखा सकती है।
पुणे की एक फार्मा कंपनी Mylab ने इस किट को डिजाइन किया है। यह जिस प्रिंसिपल पर काम करती है वह रैपिड एंटीजन टेस्ट का है जहां वायरस के लिए नाक के स्वाब के नमूने का परीक्षण किया जाता है और 15 मिनट के भीतर रिजल्ट आ जाता है। किट की कीमत 250 रुपये होगी। मायलैब की वर्तमान उत्पादन क्षमता 70 लाख किट प्रति सप्ताह है। कंपनी की योजना अगले पखवाड़े में प्रति सप्ताह एक करोड़ किट तक बढ़ाने की है।
अधिकांश पश्चिमी देशों ने अपने नागरिकों को सेल्फ-टेस्ट की अनुमति दी है। इसे कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए एक पावरफुल टूल के रूप में माना जाता है। मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस के डायरेक्टर सुजीत जैन ने बताया कि यह इजी-टू-यूज टेस्ट मायलैब के एआई-पावर्ड मोबाइल ऐप के साथ जुड़ता है ताकि यूजर अपना पॉजिटिव स्टेटस सीधे आईसीएमआर को भेज सके और यह जान सके कि उसे आगे क्या करना है। जैन ने कहा, हमें यकीन है कि यह छोटा सा कदम दूसरी और बाद की लहरों को कम करने में मदद करेगा।
ICMR ने इस टेस्ट की सलाह केवल उन लोगों को दी है जिनमें लक्षण हैं या वे कोरोना पॉजिटिव रोगियों के संपर्क में आए हैं। यदि उनका टेस्ट पॉजिटिव आता है तो व्यक्ति को कोरोना से संक्रमित माना जाएगा और आरटी-पीसीआर की आवश्यकता नहीं होगी। यह टेस्ट एक मोबाइल ऐप के साथ सिंग है जो कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए सीधे आईसीएमआर पोर्टल पर डेटा फीड करने में मदद करेगा। सार्वजनिक स्थानों पर जनरल स्क्रीनिंग के लिए इस टेस्ट की सलाह नहीं दी जाती है।
यदि किसी व्यक्ति में कोरोना को लक्षण है और उसका टेस्ट निगेटिव आया है तो उसे आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना होगा। जहां किट से टेस्टिंग की कॉस्ट 250 रुपये है तो वहीं अलग-अलग राज्यों में आरटी-पीसीआर की कॉस्ट 500 से 1500 रुपये और लोबोरेटरी में रैपिड एंटीजन टेस्ट की कीमत 300-900 रुपये है।
किट भरी हुई एक्स्ट्रेक्शन ट्यूब, स्टेराइल नेजल स्वैब, एक टेस्टिंग कार्ड और एक बायो हैजर्ड बैग के साथ आती है। टेस्ट से पहले व्यक्ति को Coviself मोबाइल ऐप डाउनलोड करना होगा और उसमें सभी जानकारी भरती होगी। इसके बाद व्यक्ति को अपने हाथों को सैनिटाइज करना होगा। उस सतह को भी साफ करना होगा जहा वह किट रखेगा। उसे स्वैब को अपनी नाक में 2-4 सेंटीमीटर अंदर या जब तक यह नाक के मार्ग के पिछले हिस्से को नहीं छूता है, तब तक डालना होगा।
अब स्वैब को एक्स्ट्रेक्शन ट्यूब में मौजूद लिक्विड के साथ मिलाए। इसके बाद ट्यूब को कसकर बंद कर दें और ट्यूब के आउटलेट से दो बूंद टेस्टिंग कार्ड पर गिरा दें। 15 मिनट में रिजल्ट आ जाएगा। अगर टेस्टिंग कार्ड पर दो लाइन दिखे तो टेस्ट पॉजिटव है और अगर केवल मार्कर सी पर लाइन दिखे तो टेस्ट निगेटिव है। अगर रिजल्ट आने में 20 मिनट से ज्यादा का समय लगता है तो उसे इनवेलिड माना जाएगा। टेस्ट के बाद ट्यूब और स्वैब को बायो हैजार्ड बैग में सील कर दें और बायो मेडिकल वेस्ट की तरह डिस्पोज कर दें।
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