चीन ने सोमवार को अमेरिका के सामने फिर से यह मांग रखी है कि वह गाजा में संघर्ष समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करे और यहां रक्तपात को समाप्त करने संबंधी प्रयासों को संयुक्त राष्ट्र में अवरूद्ध करना बंद करे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने सुरक्षा परिषद के बारी-बारी से बनने वाले प्रमुख (रोटेटिंग हेड) के तौर पर संघर्ष विराम की अपील की तथा मानवीय सहायता समेत अन्य प्रस्ताव रखे. उन्होंने कहा कि ‘एक देश के’ बाधा डालने की वजह से परिषद एक आवाज में अपनी बात नहीं रख पा रहा है.
झाओ ने दैनिक सम्मेलन के दौरान कहा कि वह अमेरिका से उचित जिम्मेदारी उठाने और इस मुद्दे पर निष्पक्ष रुख रखने, स्थिति को शांत कराने तथा राजनीतिक समाधान हासिल होने की विश्वास बहाली में परिषद का समर्थन करे और निष्पक्ष रुख रखे.
झाओ ने कहा कि चीन नागरिकों के खिलाफ ‘हिंसा’ की कड़ी निंदा करता है और हवाई हमले, जमीनी हमले, रॉकेट दागने या स्थिति को और भी बुरे हालात में पहुंचाने जैसे कदमों को रोकने की माँग करता है.
झाओ ने कहा कि इजराइल को संयम से काम लेते हुए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का प्रभावी तरीक़े से पालन करना चाहिए और फलस्तीन के लोगों के घरों को ध्वस्त करना और उन्हें उनके घर से निकालना तथा अपनी बस्तियों के विस्तार देने के कार्यक्रमों को रोकना चाहिए तथा मुसलमानों के खिलाफ हिंसा और उकसावे को रोककर वह यरुशलम के एक धार्मिक स्थल के ऐतिहासिक महत्व का सम्मान करे.
इजराइल और फलस्तीन के मुद्दे पर अमेरिका द्वारा प्रभावी कदम उठाने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन नीत अमेरिकी प्रशासन से कई तरह की माँगे उठी हैं. अब तक इजराइल के करीबी सहयोगी अमेरिका दरअसल चीन, नॉर्वे और ट्यूनिशिया द्वारा इस मुद्दे पर सुरक्षा परिषद द्वारा बयान जारी करवाने की कोशिश की राह में बाधा डाले हुए है. इस माँग में संघर्ष की समाप्ति की भी माँग शामिल है.
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