ग्रोथ रेट पर रेटिंग एजेंसियों के नजरिये से सरकार संतुष्ट नहीं, बात करेगी

0
10
Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp

कोरोना संक्रमण से लगे आर्थिक झटकों की वजह से इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसिंयों ने भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान में दो से तीन फीसदी की कटौती की है. मूडीज, स्टैंडर्ड पुअर्स से लेकर फिच रेटिंग्स तक सभी ने देश की रेटिंग में गिरावट का अनुमान जाहिर किया है. लेकिन सरकार उनके इस अनुमान से सहमत नहीं है. भारत सरकार का मानना है कि कोरोना की दूसरी लहर का देश की अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर नहीं होगा. लिहाजा रेटिंग एजेंसियों से रेटिंग में जो कटौती की गई है वह ठीक नहीं है. सरकार इस बारे में रेटिंग एजेंसियों से बात कर सकती है. 


सरकार का मानना है, इस बार आर्थिक गिरावट ज्यादा नहीं होगी


सरकार का मानना है कि रेटिंग एजेंसियों को इस बार के हालात के बारे में बताना जरूरी है. रेटिंग एजेंसियों को यह बताना जरूरी है कि पिछली बार के हालात से इस बार के हालात में अंतर है. सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन नहीं लगाया है. राज्य अपने हिसाब से लॉकडाउन और पाबंदियां लगा रहे हैं और इसमें छूट भी मिल रही है. पिछले साल की तरह ही इस बार आर्थिक गतिविधियों में ज्यादा गिरावट नहीं आई है. इसलिए रेटिंग एजेंसियों को जीडीपी ग्रोथ का अपना अनुमान दो से तीन फीसदी तक घटाना ठीक नहीं है.


कई रेटिंग एजेंसियों ने ग्रोथ अनुमान दो से तीन फीसदी घटा दिया था


हाल में रेटिंग एजेंसी मूडीज ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी का अनुमान 13.7 फीसदी से घटा कर 9.3 फीसदी कर दिया. रेटिंग एजेंसियों के रेटिंग तय करने और जीडीपी ग्रोथ तय करने के पैमाने को लेकर पहले भी वित्त मंत्रालय ने उनसे बात की है. स्टैंडर्ड एंड पुअर्स के ग्लोबल रेटिंग डायरेक्टर एंड्रूयू वुड के मुताबिक भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का इकनॉमी पर ज्यादा असर पड़ सकता है. हालांकि सरकार का कहना है कि इस बार आर्थिक गतिविधियों पर कोरोना का असर कम होगा. लिहाजा रेटिंग एजेंसियों को भारत की रेटिंग पर संतुलित नजरिया अपनाना चाहिए. 


एशियन पेंट्स की चौथी तिमाही का मुनाफा 81 फीसदी बढ़ा, प्रति शेयर 14.50 रुपये डिविडेंड का ऐलान


एलन मस्क के एक ट्वीट से बिटकॉइन 17 फीसदी टूटा, 1 मार्च के बाद सबसे निचले स्तर पर 


 



Source link

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here