आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन को आसान बनाने वाली नीतियों का वर्णन किया है। इन नीतियों को अपनाकर सफलता भी हासिल की जा सकती है। अपनी नीतियों के बल पर ही चाणक्य ने साधारण बालक को चंद्रगुप्त मौर्य सम्राट बना दिया था। चाणक्य ने एक श्लोक के जरिए बताया है कि इंसान को किन चीजों को पैर नहीं लगाना चाहिए। अगर गलती से पैर लग जाता है तो तुरंत माफी मांग लेनी चाहिए। जानिए किन्हें नहीं लगाना चाहिए भूलकर भी पांव-
1. अग्नि- हिंदू धर्म में अग्नि को देवता माना जाता है। शुभ कार्य करते समय अग्नि को साक्षी मानकर वचन लिया जाता है। अगर गलती से अग्नि को पैर लग जाता है तो तुरंत माफी मांग लेनी चाहिए।
2. कुंवारी कन्या- चाणक्य नीति के अनुसार, कुंवारी कन्या देवी का स्वरूप मानी जाती है। इसलिए कुंवारी कन्या को कभी भी पैर नहीं लगाना चाहिए।
3. गुरु– हिंदू धर्म में गुरु को माता-पिता से भी बढ़कर माना जाता है। चाणक्य का कहना है कि गुरु का हमेशा आदर करना चाहिए और उनके पैर छूने चाहिए। गुरु को गलती से भी पैर नहीं लगाने चाहिए।
4. ब्राह्मण- चाणक्य कहते हैं कि हिंदू धर्म में ब्राह्मण का विशेष महत्व होता है। ब्राह्मण का दर्जा समाज में सबसे ऊपर है, इसलिए ब्राह्मण को भूलकर भी पैर नहीं लगाना चाहिए।
5. शिशु- चाणक्य कहते हैं कि शिशु को भगवान का रूप माना जाता है। बच्चों को कभी भी पैर नहीं लगाना चाहिए।
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6. गाय- सनातन धर्म में गाय पूजनीय है। गाय का दूध शुद्ध माना जाता है। मान्यता है कि गाय में देवी-देवताओं का वास होता है। नीति शास्त्र के अनुसार, गाय को भूलकर भी पैर नहीं लगाना चाहिए।
7. बड़े-बुजुर्ग- चाणक्य कहते हैं कि बड़ों का हमेशा सम्मान करना चाहिए। जिनके घरों में बड़ों का सम्मान ही होता है, वहां सुख-समृद्धि और शांति नहीं आती है। इसलिए बड़ों का सम्मान करना चाहिए।
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