चाणक्य नीति: सच्चा मित्र जीवन में तोहफे से कम नहीं होता है, इन बातों से दोस्ती होती है कमजोर

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Chanakya Niti, Chanakya Niti For Motivation in Hindi: चाणक्य की चाणक्य नीति मनुष्य को बेहतर बनने के लिए प्रेरित करती है. चाणक्य नीति अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है. यही कारण है कि सैकडों वर्ष के बाद भी चाणक्य नीति की उपयोगिता कम नहीं हुई है. आज भी चाणक्य की शिक्षाओं की प्रांसगिकता कायम है. इसके पीछे बड़ा कारण ये है कि चाणक्य नीति आज के दौर की समस्याओं और परिस्थितियों को समझाने का प्रयास करती है. 

चाणक्य नीति के अनुसार जीवन में मित्र और दोस्ती का विशेष स्थान है. जीवन जिसके पास अच्छे और सच्चे मित्र होते हैं, वे सदैव जीवन में तरक्की प्राप्त करते हैं. वहीं गलत और धोखे बाज मित्र असफलता के कारण भी बन सकते हैं. इसलिए मित्रता करते समय हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए. चाणक्य के अनुसार मित्रता को मजबूत बनाने के लिए सदैव गंभीर रहना चाहिए और कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए-

सच्चा मित्र कौन है?
चाणक्य के अनुसार सच्चा मित्र वो है जो सुख और दुख की घड़ी में साथ खड़ा रहे. चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि मित्र की पहचान संकट के समय होती है, जब जीवन में संकट या बुरा वक्त आता है तो सबसे पहले स्वार्थी और लोभी व्यक्ति साथ छोड़ कर भाग जाते हैं, वहीं जो सच्चा प्रेम करता है, वो बुरे से बुरे वक्त में साए की तरह साथ चलता है. जो बुरे वक्त में भी साथ न छोड़ें ऐसे मित्र को सच्चा मित्र कहा जा सकता है.

गलत कार्य करने पर रोके
चाणक्य के अनुसार सच्चा मित्र गलत कार्यों को करने पर रोकते हैं. जो मित्र आपको गलत चीजों के लिए टोके और रोके, वही सच्चा और अच्छा मित्र है. जो मित्र आपकी गलतियों पर पर्दा डाले और आपको गलत कार्यों के लिए प्रेरित करे, ऐसे मित्र से तुरंत दूरी बना लेनी चाहिए.

मित्रता को मजबूत बनाएं
चाणक्य के अनुसार अच्छे मित्र की प्राप्ति होने पर मित्रता को मजबूत बनाने का प्रयत्न करना चाहिए. सच्चाई, ईमानदारी और निष्ठा के साथ निश्चल प्रेम भाव से मित्रता को मजबूत बनाया जा सकता है. मित्र के अच्छे गुणों का सदैव आदर करना चाहिए और उसकी मदद का आभार व्यक्त करना चाहिए. मित्रता एक पवित्र रिश्ता है, इससे स्वार्थ और धोखे से नष्ट नहीं करना चाहिए.

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