एक अध्ययन में पता चला है कि चीन निर्मित कोविड रोधी टीके ‘कोरोनावैक’ की दो खुराकें बच्चों और किशोरों के लिए सुरक्षित हैं तथा उनमें मजबूत एंटीबॉडी बनाने में सक्षम हैं. यह अध्ययन ‘दि लांसेट इन्फेक्शस डिजीज’ जर्नल में प्रकाशित हुआ है.
सिनोवैक निर्मित ‘कोरोनावैक’ के 550 प्रतिभागियों पर किए गए पहले एवं दूसरे चरण के ट्रायल में पता चला कि अनुसंधान में शामिल 96 फीसदी से अधिक बच्चों और किशोरों को टीके की दोनों खुराक मिलने के बाद उनमें सार्स-सीओवी2 के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो गईं. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि टीके के प्रतिकूल प्रभाव हल्के से लेकर मध्यम तक थे जिनमें इंजेक्शन लगने के स्थान पर दर्द सबसे सामान्य लक्षण रहा.
चीन के सिनोवैक लाइफ साइंसेज के छियांग गाओ ने बताया, ‘‘वयस्कों की तुलना में बच्चों और किशोरों में कोविड-19 के आमतौर पर मामूली लक्षण होते हैं या कई बार लक्षण होते ही नहीं हैं. लेकिन कुछ बच्चों को गंभीर लक्षण होने की भी आशंका है. उनके द्वारा अन्य लोगों के संक्रमित होने की आशंका है इसलिए कम उम्र के लोगों में कोविड-19 टीकों की प्रभाव क्षमता और सुरक्षा का परीक्षण करना आवश्यक है.’’
अनुसंधानकर्ताओं ने तीन वर्ष से 17 वर्ष के बच्चों एवं किशोरों पर चीन के झानहुआंग काउंटी में कोरोनावैक का क्लिनिकल ट्रायल किया. 31 अक्टूबर से दो दिसंबर, 2020 के बीच 72 प्रतिभागियों पर पहले चरण का ट्रायल किया गया और 12 दिसंबर से 30 दिसंबर 2020 के बीच 480 प्रतिभागी क्लिनिकल ट्रायल में शामिल हुए. बच्चों को 28 दिन के अंतराल पर टीके की दो खुराक दी गई.
पहले चरण में सौ फीसदी प्रतिभागियों में एंटीबॉडी विकसित हुईं और दूसरे चरण में 97 फीसदी बच्चों में सार्स-सीओवी2 के खिलाफ एंटीबॉडी बनीं. अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि बच्चों और किशोरों में प्रतिरोधक क्षमता वयस्कों के मुकाबले अधिक विकसित हुईं.
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