पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान दुनियाभर में खासकर पश्चिमी देशों में इस्लामोफोबिया की लगातार वकालत कर रहे हैं. लेकिन उस वक्त वह मौन धारण कर लेते हैं जब उन्हें वेस्टर्न चीन में उईगर मुसलमानों के ऊपर हो रहे अत्याचार के बारे में सवाल पूछा जाता है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से Axios को दिए इंटव्यू के दौरा जब यह पूछा गया कि क्यों वे चीन में उईगर मुस्लिमों पर ढहाए जा रहे जुल्मों-सितम को लेकर चुप हैं. इसके जवाब में पीएम इमरान खान ने कहा- ‘हम इस बारे में चीन के साथ बंद दरवाजे के अंदर बात करते हैं.’
इमरान खान ने आगे कहा कि वह जो कुछ भी उनकी सीमा पर हो रहा है पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं. वे जब उईगर मुसलमानों के सवाल पर खुद को फंसा पाया तो फिर कश्मीर की रट लगानी शुरू कर दी. पत्रकार ने जब इंटव्यू के दौरान यह सवाल किया कि पीएम इमरान खान ने पश्चिमी चीन से जिनजियांग में उईगर मुस्लमों के साथ अत्याचार पर बीजिंग के सलूक पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि कश्मीर की स्थिति अधिक प्रासंगिक है.
.@jonathanvswan presses Pakistan Prime Minister Imran Khan on why he’s outspoken against Islamophobia in the West but silent about the genocide of Muslim Uyghurs in western China.
Khan: I concentrate on what is happening on my border.
Swan: This is on your border. #AxiosOnHBO pic.twitter.com/QdLfY1qXGL
— Axios (@axios) June 20, 2021
इससे पहले, पाकिस्तान ने शनिवार को कहा कि वह कश्मीर के विभाजन और उसकी जनसांख्यिकी बदलने के भारत के किसी भी कदम का विरोध करेगा. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि भारत को पांच अगस्त 2019 की कार्रवाई के बाद कश्मीर में कोई और अवैध कदम उठाने से बचना चाहिए.
पाकिस्तान का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के 14 नेताओं को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय बैठक में शामिल होने का न्योता दिया है. माना जा रहा है कि इस बैठक में केन्द्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने का खाका तैयार किया जाएगा.
कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के पांच अगस्त 2019 के कदम का पूरी तरह से विरोध किया है और इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के ऐसे किसी भी कदम का विरोध करने का प्रण लेता है जो क्षेत्र की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए जम्मू कश्मीर को विभाजित करने वाले हो. कुरैशी ने कहा कि उन्होंने सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र महासचिव को भारत के संभावित कदम से अवगत करा दिया है.
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