दुनिया के सबसे बड़े कार्बन प्रदूषकों अमेरिका और चीन ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अन्य देशों के साथ सहयोग करने पर सहमति जताई है. दोनों देशों के बीच ऐसे समय में यह सहमति बनी है, जब कुछ ही दिन बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन जलवायु परिवर्तन पर चर्चा के लिए विश्व के नेताओं के साथ डिजिटल शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे.
बाइडेन ने 22 और 23 अप्रैल को आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग समेत दुनिया के 40 नेताओं को आमंत्रित किया है. एक संयुक्त बयान में बताया गया कि जलवायु परिवर्तन संबंधी मामलों के लिए अमेरिका के विशेष दूत जॉन केरी और उनके चीनी समकक्ष शिए झेनहुआ पिछले सप्ताह शंघाई में दो दिवसीय बातचीत के दौरान सहमति पर पहुंचे.
सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध
बयान में कहा गया, ‘अमेरिका और चीन जलवायु संकट से निपटने के लिए एक-दूसरे और अन्य देशों के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इस संकट से गंभीरता से और तत्काल निपटा जाना चाहिए.’ चीन और अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े कार्बन प्रदूषक हैं. जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों की सफलता के लिए उनका सहयोग अहम है, लेकिन मानवाधिकार उल्लंघन संबंधी मामलों, व्यापार और दक्षिण चीन सागर एवं ताइवान पर चीन के दावे के कारण दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हैं.
केरी की यात्रा बाइडेन के जनवरी में राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से किसी उच्च स्तरीय अमेरिकी अधिकारी की पहली चीन यात्रा है. अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री केरी शंघाई से दक्षिण कोरिया रवाना हो गए. केरी ने रविवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि चीन दुनिया में सबसे अधिक कोयला इस्तेमाल करने वाला देश है. केरी ने कहा कि उन्होंने और चीनी अधिकारियों ने वैश्विक ऊर्जा के क्षेत्र में बदलाव की प्रक्रिया तेज करने पर काफी चर्चा की.
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