टोक्योः ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ को लेकर जापान सरकार ने नई नीति बनाने की घोषणा की है. जापान सरकार ने आदेश में कहा कि जुलाई के मध्य में नगर पालिकाओं को ऐसा करने को गया है. शीर्ष सरकारी प्रवक्ता ने दस्तावेजों को ‘शीघ्र जारी करने’ की जानकारी दी है. मुख्य कैबिनेट सचिव कात्सुनोबु काटो ने कहा, "दस्तावेज शीघ्र जारी करने की तैयारी के लिए, हम पहले कागज द्वारा टीकाकरण प्रमाण पत्र जारी करेंगे, लेकिन डिजिटल प्रारूप में जारी करने पर भी विचार करेंगे."
विदेशों में ऐसे लोगों के लिए अधिक गतिविधियां उपलब्ध हो रही हैं. जिनके पास यह प्रमाणित करने वाले दस्तावेज हैं कि उन्हें कोरोना वायरस के खिलाफ टीका लग चुका है.
सूत्रों ने कहा कि जापान की सरकार चाहती है कि उसके नागरिकों को उनके टीकाकरण की स्थिति की पुष्टि करने वाले दस्तावेजों में छूट दी जाए या उन्हें यात्रा के दौरान केवल एक छोटी क्वारंटीन अवधि से गुजरना पड़े. उन्होंने कहा कि यहां की सरकार दूसरे देशों से भी इसका पालन करने को कह रही है.
वैक्सीन ‘पासपोर्ट’ की जगह टीके की उपलब्धता पर बहस हो
वहीं भारत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ पर चल रही वैश्विक बहस को वैक्सीन इक्विटी के मुद्दे से जोड़ने की जरूरत है क्योंकि कई विकासशील देश अपनी आबादी के बड़े हिस्से का टीकाकरण नहीं कर पाए हैं.
भारत का यह पक्ष जापान सरकार द्वारा अपने यात्रियों के लिए अगले महीने से ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ उपलब्ध कराने की घोषणा के बाद आया है. जापान के फैसले, इसके निहितार्थ और क्या भारत ऐसे ‘पासपोर्ट’ जारी करेगा, इस बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि उनके पास भारत द्वारा ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ जारी करने के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
उन्होंने कहा कि तथाकथित वैक्सीन पासपोर्ट के मुद्दे पर एक वैश्विक बहस चल रही है. भारत को लगता है कि इसे वैक्सीन इक्विटी (समानता) के बड़े मुद्दे से जोड़ा जाना चाहिए. कई विकासशील देश अभी तक अपने यहां टीकाकरण नहीं कर पाए हैं.
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