जेपी इन्फ्राटेक के फाइनेंशियल क्रेडिटर्स ने सुरक्षा समूह की बोली पर वोटिंग प्रक्रिया को टालने का फैसला किया है. वोटिंग सोमवार दोपहर शुरू होनी थी, लेकिन यह टाल दी गई है. इसके जरिये सुरक्षा समूह दिवाला प्रक्रिया के तहत संकट में फंसी रियल्टी क्षेत्र की कंपनी का अधिग्रहण करना चाहता है. कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) ने सोमवार सुबह वोटिंग टालने का फैसला किया. यह बैठक एनबीसीसी की ओर से खुद अपनी समाधान योजना में 14 पृष्ठ का जोड़ देने के बाद बुलाई गई थी. जेपी इन्फ्राटेक (जेआईएल) के अंतरिम समाधान पेशेवर अनुज जैन ने इस बात की पुष्टि की कि सुरक्षा की बोली पर वोटिंग को टाल दिया गया है.
बोलीदाताओं को अतिरिक्त समय देने का प्रस्ताव
सूत्रों के मुताबिक समिति में शामिल घर खरीदारों के प्रतिनिधि इसी सप्ताह फ्लैट मालिकों के लिए वोटिंग प्रक्रिया आयोजित करेंगे. इसके जरिये यह तय किया जाएगा कि क्या दोनों बोलीदाताओं, एनबीसीसी और सुरक्षा को अतिरिक्त समय दिया जाना चाहिए. सीओसी की 20 मई को हुई पिछली बैठक में सुरक्षा समूह की पेशकश पर 24 मई को दोपहर 12 बजे से वोटिंग शुरू करने का फैसला किया गया था. वोटिंग 27 मई को शाम पांच बजे बंद होनी थी. समिति ने एनबीसीसी की समाधान पेशकश को खारिज कर दिया था क्योंकि इसमें कानून के कुछ प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया गया था
एनबीसीसी ने जमा कराई थी अंतिम बोली
सीओसी के फैसले के बाद एनबीसीसी ने शनिवार को स्वत: अपनी अंतिम बोली में 14 अतिरिक्त पृष्ठ जोड़े थे. एनबीसीसी ने अंतिम बोली 18 मई को जमा कराई थी. समाधान पेशेवर ने पांच ऋणदाताओं- एसबीआई, आईआईएफसीएल, आईडीबीआई, यूबीआई और एलआईसी के आग्रह के बाद सोमवार को सीओसी की बैठक बुलाई थी.
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