टेस्ट किट के मुकाबले कुत्ते इंसानों में कोरोना वायरस को ढूंढ निकालने में बेहतर हैं. फ्रांस में किए गए परीक्षण से पता चला कि 97 फीसद सटीकता के साथ कुत्ते कोरोना वायरस की मौजूदगी को खोजने में सक्षम हैं. रिसर्च के मुताबिक, निगेटिव सैंपल की भी पहचान करने में कुत्ते 91 फीसद सही थे.
कुत्ते टेस्ट किट के मुकाबले कोरोना का पता लगाने में बेहतर
शोधकर्ताओं का कहना है कि नतीजों को देखते हुए एयरपोर्ट समेत भीड़भाड़ वाली जगों में बड़े पैमाने पर वायरस की स्क्रीनिंग के लिए कुत्तों की व्यापक तैनाती को देखा जा सकता है. फ्रांस के राष्ट्रीय मवेशी स्कूल और पेरिस की क्लीनिकल रिसर्च यूनिच नेकर-कोचिन हॉस्पीटल की तरफ से परीक्षण मार्च और अप्रैल के बीच किया गया था, जिसमें कुत्तों को उपयोगी पाया गया. 64 रिसर्च के हाल की समीक्षा से पता चला कि कोरोना वायरस टेस्ट के जरिए औसतन 72 फीसद वायरस से संक्रमित सिम्पटोमैटिक लोगों की सही तरीके से पहचान होती है. उसी समीक्षा में ये भी पता चला कि कोरोना वायरस से संक्रमित बिना लक्षण वाले (एसिम्पटोमैटिक) लोगों में उसने 58 फीसद मामलों को पकड़ा.
पेरिस अस्पताल के बोर्ड ने कहा, “ये नतीजे कोविड-19 की सूंघकर पहचान करने में कुत्तों की क्षमता का वैज्ञानिक सत्यापन है.” उसका ये भी कहना है कि ये रिसर्च अपनी तरह की पहली है और किसी वैज्ञानिक समीक्षा में प्रकाशित होनेवाली है. शोधकर्ताओं ने बताया कि PCR टेस्ट के मुकाबले ये शानदार नतीजे हैं. उन्होंने कहा कि इस तुलना के बावजूद पीसीआर टेस्ट कुत्तों की जगह नहीं लेंगे, जो 30 मिनट के अंदर नतीजे देनेवाली लेटरल फ्लो कोविड टेस्ट किट के मुकाबले स्पष्ट रूप से ज्यादा भरोसेमेंद है.
निगेटिव सैंपल की भी पहचान करने में कुत्ते 91 फीसद सही
लेकिन, उन्होंने कहा, “ये उन लोगों की पहचान करने में मदद कर सकते हैं जिनको पूरा वायरल टेस्ट से गुजरना चाहिए और बड़े पैमाने पर एयरपोर्ट, स्टेशन और म्यूजिक कार्यक्रम में जांच को आसान बनाते है. कुत्तों ने 109 लोगों के 97 फीसद को पहचान लिया जिनका पीसीआर टेस्ट बाद में पॉजिटिव साबित हुआ, और उनमें से 91 फीसद का पता लगा लिया जिनका पीसीआर टेस्ट निगेटिव था. ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और ब्रिटेन समेत कई देशों के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 का पता लगाने के लिए कुत्तों के साथ प्रयोग किया है, जबकि फिनलैंड और संयुक्त अरब अमीरात ने पिछले साल स्निफर डॉग्स के साथ एयरपोर्ट पर ट्रायल शुरू किया है.
क्या स्लीप एपनिया से बढ़ता है कोरोना वायरस संक्रमण का ज्यादा खतरा? जानिए रिसर्च का खुलासा
कोविड-19 को मात देने के बाद न हों लापरवाह, लंबी देखभाल के लिए जरूरी हैं ये उपाय
Source link