टैक्स छूट के साथ चाहिए अच्छा रिटर्न, पोस्ट ऑफिस की ये 3 स्कीमें हैं बेहतर विकल्प

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आप अगर निवेश के बारे में सोच रहे हैं और चाहते हैं कि आपको बेहतर रिटर्न के साथ-साथ इनकम टैक्स छूट का लाभ भी मिले तो पोस्ट ऑफिस की 3 स्कीम आपके लिए बेहतर विक्लप हो सकती हैं. इनमें निवेश करके आप इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की रकम पर टैक्स बचा सकते हैं. जानते हैं इन स्कीम्स के बारे में.


नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC)



  • NSC में निवेश पर 6.8% सालाना ब्याज मिल रहा है.

  • ब्याज की गणना सालाना आधार पर होती है, लेकिन ब्याज की राशि निवेश की अवधि होने पर ही दी जाती है.

  • इस स्कीम में न्यूनतम 1000 रुपए निवेश करना होगा. निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है.

  • NSC खाते को किसी नाबालिग के नाम पर और 3 वयस्कों के नाम पर जॉइंट अकाउंट खोला जा सकता है.

  • 10 साल से ज्यादा उम्र के माइनर भी परैंट्स की देखरेख में खाता खुलवा सकते हैं.

  • निवेश करने पर आप इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की रकम पर टैक्स बचा सकते हैं.


टाइम डिपॉजिट स्कीम



  • इस स्कीम में एक तय अवधि के लिए एकमुश्त पैसा निवेश करना होता है. यह एक तरह की एफडी ही है.

  • पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट अकाउंट 1 से 5 साल तक की अवधि के लिए 5.5 से 6.7% तक ब्याज दर की पेशकश करता है.

  • 5 साल की सावधि जमा के तहत निवेश करने पर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं.

  • 1000 रुपए का मिनिमम निवेश करना होता है. अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है.

  • 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है. ज्वॉइंट अकाउंट भी खुलवाया जा सकता है.


पब्लिक प्रॉविडेंट फंड



  • फिलहाल डाक घर पब्लिक प्रॉविडेंट फंड खातों में जमा राशि पर  7.1% ब्याज मिल रहा है.

  • यह योजना EEE स्टेटस के साथ आती है. इसमें तीन जगह टैक्स लाभ मिलता है. योगदान, ब्याज आय और मैच्योरिटी के समय मिलने वाली राशि, तीनों ही टैक्स फ्री होती हैं.

  • आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है.

  • पीपीएफ खाता केवल 500 रुपए से खोला जा सकता है. लेकिन बाद में हर साल 500 रुपए एक बार में जमा करना जरूरी है.

  • इस अकाउंट में हर साल अधिकतम 1.5 लाख रुपए ही जमा किए जा सकते हैं.

  • यह स्कीम 15 साल के लिए है, जिससे बीच में नहीं निकला जा सकता है. लेकिन इसे 15 साल के बाद 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है.


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