कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए उत्तर कोरिया ने टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा न लेने का फैसला किया है. टोक्यो में ओलंपिक खेलों का आयोजन 23 जुलाई से 8 अगस्त के बीच किया जाना है. वैसे तो खेलों के महाकुंभ ओलंपिक का आयोजन पिछले साल 2020 में ही किया जाना था, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इसे टाल दिया गया था. दूसरे विश्व युद्ध के बाद ये पहला मौका था जब ओलंपिक जैसे महत्वपूर्ण खेल आयोजन को टाला गया था.
अपने खिलाड़यों को कोरोना संक्रमण से बचाना चाहता है उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया ने अपने खेल मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा है कि उत्तर कोरिया टोक्यो में होने वाले 32 वें ओलंपिक खेलों का हिस्सा नहीं बनेगा. उत्तर कोरिया अपने खिलाड़ियों को कोरोना से पैदा हुए इस वैश्विक स्वास्थ्य संकट से बचाना चाहता है. उत्तर कोरिया के इस फैसले पर दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय ने खेद जताया है. दक्षिण कोरिया ने कहा है कि उन्हें आशा थी कि टोक्यो ओलंपिक दोनों कोरियाई देशों के आपसी संबंध बेहतर बनाने में कारगर साबित होते.
शीतकालीन ओलंपिक में पिछली बार लिया था उत्तर कोरिया ने भाग
जापान का कहना है कि उन्हें उत्तर कोरिया की आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है, लिहाजा वे इस मामले पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं कर सकते. जापान के ओलंपिक मंत्री तामायो मारूकावा ने पत्रकारों को बताया कि अभी उन्हें उत्तर कोरिया से इस बाद की कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है कि उत्तर कोरिया ओलंपिक में भाग नहीं लेगा. 2018 में दक्षिण कोरिया में आयोजित शीतकालीन ओलंपिक में उत्तर कोरिया ने अपने 22 खिलाड़ियों को भेजा था. 230 लोगों के उत्तर कोरिया के खेल दल में खिलाड़ियों के अलावा सरकारी अधिकारी, कलाकार, पत्रकार और चीयरिंग ग्रुप भी शामिल था.
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