तालिबान का समर्थन करने वालों को भेज दो अफगानिस्तान, सूफी इस्लामिक बोर्ड का बयान

Send those to Afghanistan who support Taliban, Sufi Islamic Board statement- India TV Hindi
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कशिश वारसी ने एक बयान जारी कर कहा है कि तालिबान का समर्थन करने वालों को अफगानिस्तान भेज देना चाहिए।

नई दिल्ली: सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय सचिव कशिश वारसी ने एक बयान जारी कर कहा है कि तालिबान का समर्थन करने वालों को अफगानिस्तान भेज देना चाहिए। उन्होंने कहा कि शफिकुर्रहमान बर्क राजनीतिक व्यक्ति है, क्या बोल रहे हैं उनका इमान जाने, लेकिन मैं इतना कहना चाहूंगा कि हिंदुस्तान में जो ऐसे लोग हैं जो तालिबान का समर्थन कर रहे हैं उन्हें हिंदुस्तान में न रोका जाए, सरकार एक हवाई जहाज का इंतजाम करे और फौरन ऐसे लोगों को उस जहाज में डालकर अफगानिस्तान में छोड़ दे। 

बता दें कि सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने संभल में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा था कि तालिबान एक ताकत है और उसने अफगानिस्तान में अमेरिका के पांव जमने नहीं दिए। तालिबान अब अपने देश को खुद चलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “हमारा देश जब अंग्रेजों के कब्जे में था तो सभी हिंदुस्तानियों ने मिलकर आजादी की जंग लड़ी थी। अफगानिस्तान पर अमेरिका ने कब्जा कर रखा था। उससे पहले इस मुल्क पर रूस का कब्जा था। मगर अफगान आजाद रहना चाहते हैं। वह अपने देश को आजाद कराना चाहते हैं। यह उनका व्यक्तिगत मामला है इसमें हम क्या दखल देंगे?”

वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सज्जाद नोमानी, जिन्होंने तालिबान के समर्थन में बयान दिया है, उन्होंने कहा कि एक निहत्थी कौम ने दुनिया की मजबूत फौजों को शिकस्त दी, उन्होंने अफगानिस्तान पर कब्जे के लिए तालिबान मुबारकबाद भी दी। तालिबान को मुबारकबाद देते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सज्जाद नोमानी ने कहा कि 15 अगस्त 2021, यह तारीख का दिन बन गया, जब अफगानिस्तान की सर जमीन पर एक बार फिर यह तारीख रकम हुई।

नोमानी ने कहा, “15 अगस्त 2021, यह तारीख का दिन बन गया, जब अफगानिस्तान की सर जमीन पर एक बार फिर यह तारीख रकम हुई, एक निहत्थी और गरीब कौम ने जिसके पास न साइंस न टेक्नोलॉजी न व्यवसाय न दौलत न हथियार और न तादात, उसने पूरी दुनिया की सबसे ज्यादा मजबूत फौजों को शिकस्त दी, जो कौम मरने के लिए तैयार हो जाए, उसे दुनिया में कोई शिकस्त नहीं दे सकता, मुबारक हो इमालते इस्लामिया अफगानिस्तान के कायदीन को, आपका दूर बैठा हुआ यह हिंदी मुसलमान आपको सलाम करता है, आपकी अजमत को सलाम करता है, आपके हौंसले को सलाम करता है।” 

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